मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके झाबुआ में आज यानी सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ का पहला मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का कार्यक्रम होना है. उससे पहले रविवार देर शाम झाबुआ में आई तेज आंधी और बारिश से सभा स्थल के टेंट और तंबू धराशायी हो गए. हालात को देखते हुए प्रशासन के हाथ पांव फूल गए लेकिन इसे दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है.
टेंट ठेकेदार रात भर कवायद कर मुख्यमंत्री की सभा के समय दोपहर 12 बजे तक सभा स्थल की व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं. आंधी तूफान ने पंडाल के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचाया है लेकिन पुलिस इसे कम नुकसान बता रही है. मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए इस इलाके में 5 घंटे का वक्त गुजारेंगे. इसी दौरान कन्यादान योजना का काम शुरू करने की तैयारी है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्य प्रदेश में कई योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं और लोगों को इससे जोड़ने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं. कन्यादान योजना इसी का हिस्सा है. अभी हाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और कमलनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा किया था. इस पर कमलनाथ ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री की शिकायतें निराधार हैं और आदिवासियों के लिए कई काम किए जा रहे हैं. कमलनाथ ने कहा, ‘वनाधिकार कानून 2006 यूपीए सरकार ने लागू किया था. इस कानून के अंतर्गत मध्यप्रदेश में छह लाख 25 हजार आवेदन पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहन की सरकार के दौरान आए थे. इनमें से तीन लाख 55 हजार आवेदन निरस्त कर दिए गए थे. हमारी सरकार ने इन सभी आवेदनों को जांच कर पात्र कब्जाधारियों को वनाधिकार पत्र देने का काम शुरू किया है.’