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SC ने गुजरात में दो सीटों पर राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग ठुकराई…….

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गुजरात में दो सीटों पर राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने की कांग्रेस की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन में दखल देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद चुनावी याचिका यानी इलेक्शन पेटिशन के जरिए ही इसे चुनौती दी जा सकती है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता गुजरात प्रदेश कांग्रेस के वकील विवेक तंखा से कहा कि अभी निर्वाचन आयोग के सामने याचिका लगाएं. चुनाव प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही हम चुनाव याचिका के रूप में सुनेंगे. इस समय नहीं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि रेगुलर वैकेंसी भरने के लिए एकसाथ चुनाव होते हैं. लेकिन आकस्मिक यानी कैजुअल वैकेंसी के लिए एक साथ चुनाव कराने की कोई बाध्यता नहींहै. आप इसकी याचिका चुनाव आयोग के सामने दाखिल करें.

कांग्रेस के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने के बाद चुनाव आयोग से इस पर जवाब मांगा गया था. चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल करते हुए दो सीटों पर अलग- अलग चुनाव कराने के अपने फैसले को सही ठहराया है और कहा था कि कांग्रेस की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. हलफनामे में कहा गया था कि अमित शाह और स्मृति ईरानी की खाली हुई सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना कानून के मुताबिक है. चुनाव आयोग 1957 से यह चुनाव कराता आया है.साथ ही कहा गया कि चुनाव आयोग पहले से ही कैजुएल रिक्तियों के लिए अलग-अलग चुनाव कराता आया है. जब किसी सदस्य की राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल खत्म होता है तो वो रेगुलर वेकेंसी होती है, जिसके लिए एक साथ ही चुनाव कराया जाता है. चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2009 के सत्यपाल मलिक मामले के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि कैजुअल वैकेंसी को अलग-अलग चुनाव से भरा जाएगा.

गुजरात कांग्रेस के नेता विपक्ष परेशभाई धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दो सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है. गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर भी 5 जुलाई को चुनाव होंगे. दरसअल, चुनाव आयोग की अधिसूचना की मुताबिक अमित शाह को लोकसभा चुनाव जीतने का प्रमाणपत्र 23 मई को ही मिल गया था, जबकि स्मृति ईरानी को 24 मई को मिला. इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर हो गया. इसी आधार पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना है, लेकिन चुनाव एक ही दिन होंगे.

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