आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी का पाप के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन श्री हरि के ध्यान भजन और कीर्तन से पापों से मुक्ति मिलती है. कहा जाता है कि अगर इस दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु का ध्यान किया जाए तो मनुष्य को उसके हर पाप से मुक्ति मिल जाती है. इस बार योगिनी एकादशी 29 जून को है.
योगिनी एकादशी के उपवास की विधि-
1 प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें .
2 इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें.
3 उन्हें पीले फूल,पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें .
4 इसके बाद श्री हरि और मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें.
5 किसी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न-वस्त्र का या जूते छाते का दान करें .
6 केवल जल और फल ग्रहण करके ही उपवास रखें.
अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक समस्याओं से मुक्ति के लिए क्या करें-
1 एकादशी का उपवास रखें.
2 दिन भर और रात भर केवल जलीय आहार ग्रहण करें.
3 जितना संभव हो शिव जी की उपासना करें.
4 कम से कम बोलें और क्रोध न करें.
पाप के प्रायश्चित के लिए क्या करें-
1 एकादशी का उपवास रखें.
2 सुबह-शाम श्री हरि की उपासना करें.
3 गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करना सर्वोत्तम होगा.
4 इसके अलावा भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करने से भी लाभ मिलता है.
5 इस दिन पीपल का पौधा लगाएं और निर्धनों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें.