बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) में डिप्टी रजिस्ट्रार सरिता चौहान और कर्मचारियों के बीच हुए मामले में राजभवन ने संज्ञान लिया है। डिप्टी रजिस्ट्रार चौहान ने 156 कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध बताकर हडकंप मचा दिया है। इसके चलते राजभवन ने गुरुवार को कुलपति प्रो. आरजे राव को तलब किया और पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की।
वहीं, एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस मामले में सीधे चर्चा कर सकती हैं। उधर, विश्वविद्यालय में पदस्थ अधिकारी एकजुट होकर कुलपति से मिले और कहा कि कहा कर्मचारी इस विश्वविद्यालय के कुलपति की नहीं सुनते तो वे अधिकारियों की क्या सुनेंगे। उधर, कुलपति द्वारा गठित जांच कमेटी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि इनमें शामिल दो सदस्य के परिजनों की नियुक्ति पर भी विवाद है।
बीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार यशवंत पटेल, सरिता चौहान असिस्टेंट रजिस्ट्रार भावना पाटने, शरद पटेल, सुनील नायक, पुनीत शुक्ला, अनित राय, मनोज भटनागर आदि अधिकारियों ने लिखित हस्ताक्षर कर कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। इनका कहना है कि विश्वविद्यालय में आतंकित माहौल है। काम करने का कोई सिस्टम नहीं है। लोग हाथ में फाइल लेकर अपने काम कराते घूमते रहते हैं। तुरंत हस्ताक्षर करने का दबाव बनाते हैं। इस माहौल काम करना मुश्किल है। इसलिए इन्होंने आवश्यक और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इधर, प्रशासन ने विवाद के बाद यह गुरुवार कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष रवींद्र कौशिक को लेखा शाखा से रिलीव करने के निर्देश दिए हैं।