परिचय
सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई, 1972 को कोलकाता, प. बंगाल में हुआ था। इनका पूरा नाम ‘सौरव चंडीदास गांगुली’ है। यह दाहिने हाथ से मीडियम पेस गेंदबाज भी हैं। गांगुली ने पहला एक दिवसीय मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिसबर्न में 11 जनवरी, 1992 को खेला था तथा पहला टैस्ट लार्ड्स मैदान पर इंग्लैंड के विरुद्ध 1996 में खेला था।
गांगुली की बल्लेबाजी में ताकत और जोश का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। वह ऑफ साइड पर भी कमाल के शॉट्स खेलते हैं। उन्हें जब टैस्ट मैच में शामिल किया गया तो उनकी तीखी आलोचना हुई। कहा गया कि कोटा सिस्टम के कारण उसे टीम में रखा गया। लेकिन सौरव ने अपनी पहली दो टैस्ट पारियों में शतक बना कर सब को चुप करा दिया। यही नहीं, उन मैचों में उन्होंने अधिक विकेट लेकर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार भी जीत लिया।
सहारा कप
शुरू में सौरव गांगुली को, उनके ऑन साइड स्ट्रोक न खेल पाने के कारण, केवल टेस्ट मैच खेलने के योग्य समझा गया, लेकिन जल्दी ही उन्होंने अपनी कमज़ोरी पर विजय प्राप्त कर ली और 1997 में टोरंटो में हुए सहारा कप में पाकिस्तान के विरुद्ध शानदार खेलते हुए हर भारतीय के दिल में अपनी जगह बना ली। सौरव ने 75 गेंदों पर 75 रन बनाने का कमाल दिखाया है और 16 रन देकर 5 विकेट लेने का भी। उन्होंने टोरंटो में 4 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ जीता। इसी कारण ‘मैन ऑफ द सीरीज’ भी वह चुने गए। वे अनेक बार सचिन तेंदुलकर के साथ ‘ओपनिंग’ खिलाड़ी के रूप में खेले हैं। सौरव की मुख्य समस्या विकेट के बीच भागने की है। वह एक-एक रन की बजाय चौका लगाने में ज्यादा यकीन करते हैं।
मैन ऑफ द सीरीज का खिताब
सौरव को श्रीलंका के विरुद्ध खेली गई सीरीज में भी ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुना गया। 1997 में एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने के कारण वर्ष का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज घोषित किया गया। उनके शतक की बदौलत ही ढाका में पाकिस्तान के विरुद्ध भारत ने सर्वाधिक 314 का स्कोर एक दिवसीय मैच में बना डाला। एक दिवसीय मैच में उनकी तेंदुलकर के साथ 252 रन की पार्टनरशिप आज तक का सर्वाधिक ऊँचा रिकार्ड है। एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास में उनकी और सचिन की ओपनिंग जोड़ी विश्व की चौथे नंबर की बेहतरीन जोड़ी है।
पुरस्कार
1997 के सहारा कप में सौरव ने लगातार 5 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ पुरस्कार पाने का रिकार्ड कायम किया और फिर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार जीता। सौरव गांगुली को 1998 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 1998 में गांगुली को ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार दिया गया।
उपलब्धियां
फरवरी 2000 में सौरव को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया।
नवम्बर 1999 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध 5 एक दिवसीय मैचों की श्रृंखला में उन्हें ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुना गया।
सौरव ने विश्व कप 1999 में श्रीलंका के विरुद्ध खेलते हुए एक दिवसीय मैच में 183 रन का विशाल स्कोर बनाया और उससे पहले का कपिल देव का 175 का रिकार्ड तोड़ दिया। यह उस वक्त का किसी भारतीय खिलाड़ी का सर्वाधिक स्कोर था।
पेप्सी कप 1999 में गांगुली को ‘मैन आफ द सीरीज’ चुना गया। उन्होंने 278 रन बनाए तथा 6 विकेट लिए। गांगुली विश्व के उन गिने-चुने खिलाड़ियों में से हैं जिन्होने एक ही मैच में शतक भी बनाया है और 4 विकेट भी लिए हैं। सौरव गांगुली सचिन के साथ शुरूआती खिलाड़ी जोड़ी के रूप में विश्व में चौथे नम्बर पर हैं।
सौरव और सचिन ने मिलकर शुरुआती जोड़ी के रूप में 252 रन की पार्टनरशिप का रिकार्ड बनाया है। सौरव गांगुली को 1998 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया।
सौरव को 1998 में ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार दिया गया।
1997 में सौरव एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक स्कोर करने वाले खिलाड़ी बने।
1997 के सहारा कप में सौरव ने लगातार 5 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ पुरस्कार पाने का रिकार्ड कायम किया और फिर ‘मैन ऑफ द सीरीज’ पुरस्कार जीता