एक जुलाई से जारी इस साल की अमरनाथ यात्रा में अभी तक 90000 श्रद्धालुओं ने यात्रा पूरी कर ली है. एक जुलाई से जारी इस साल की अमरनाथ यात्रा में फिलहाल मौसम ने भी श्रद्धालुओं का साथ दिया है. यात्रा बिना किसी रूकावट और मुश्किल के जारी है. जिस अंदाज से अमरनाथ यात्रा ने पहले हफ्ते के दौरान श्रद्धालुओं की तादाद लगातार बढ़ रही है उससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल रिकॉर्ड तादाद में अमरनाथ यात्रा के लिए यात्री पहुंचेंगे.
अमरनाथ गुफा में इस साल शिवलिंग का आकार भी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है. यात्रा के लिए किए गए इंतजाम भी श्रद्धालुओं को रास आ रहे हैं इस साल अमरनाथ यात्रा करीब डेढ़ महीने तक चलेगी. यह रक्षाबंधन के दिन 15 अगस्त को संपन्न हो जाएगी.
कश्मीर में सदियों से चली आ रही अमरनाथ यात्रा के लिए दक्षिणी कश्मीर के कई इलाकों के लोग यात्रा को सफल बनाने के लिए हमेशा से आगे आते रहे हैं. यहां तक कि अमरनाथ गुफा का पता भी एक मुस्लिम बूटा मलिक ने ही लगाया था. जिस तरह से कश्मीर के स्थानीय मुसलमान अमरनाथ यात्रा में मदद करते हैं वह हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिसाल है. बताया जाता है कि पवित्र गुफा मंदिर की खोज 1850 में बूटा मलिक नाम के एक स्थानीय चरवाहे ने की थी.
गौरतलब है कि समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित अमरनाथ गुफा तीर्थस्थल पर इस साल की 45 दिवसीय वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ संपन्न होगी. इस यात्रा के लिए यात्री पवित्र गुफा के लिए पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या बालटाल मार्ग से पहुंचते हैं. दोनों आधार शिविरों में तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.