ऊना : मानसून आ चुका है, यह मौसम विभाग ने तो साफ कर दिया लेकिन मेघों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। ऊना जिले के लोगों में अभी तक मानसून को लेकर भ्रम बना हुआ है। जिला मुख्यालय में अब तक मेघ ऐसे नहीं बरसे कि लोग राहत महसूस कर सकें। भले ही सोमवार को भी जिला मुख्यालय समेत आसपास मेघ बरसे हों, लेकिन यह न तो गर्मी से राहत दे सके और न ही लोगों की फसलों के लिए पर्याप्त हैं। जिले के कुछ हिस्सों में धान की रोपाई भी हो रही है लेकिन बरसात ने अभी तक भी किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें मिटनी नहीं दी हैं।
कई दिन से मानसून बरसने के इंतजार में लोग अब थकने लगे हैं लेकिन मेघ यहां के लोगों को ठगने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। पिछले सप्ताह से दो बार जिला मुख्यालय में आसमान से राहत की फुहारें तो बरसीं लेकिन वे अधिक देर तक लोगों को सुकून नहीं दे पाई। जिले के अलग-अलग टुकड़ों में बरसात तो हुई है लेकिन इसे मानसून की बारिश अभी तक नहीं माना जा रहा है। विभाग के आंकड़ों में भले ही मानसून शुरू हो चुकी है। ऊना मुख्यालय सहित आसपास के कई क्षेत्रों में सोमवार को 12 बजे के बाद झमाझम बारिश हुई। तकरीबन आधा घंटा हुई बारिश से कुछ देर के लिए गर्मी से राहत तो मिली लेकिन उसके बाद उमस ने लोगों को खूब परेशान किया। हालांकि जिला के कई स्थानों पर बारिश हो रही है तो कई जगह सूखा आज भी जारी है। इससे पूर्ण रूप से अभी तक लोगों को खेतीबाड़ी ओर गर्मी से राहत नहीं दिला पाई है। मैहतपुर क्षेत्र ऐसा क्षेत्र है जहां पर बारिश के लिए लोगों द्वारा हवन-यज्ञ भी कराया जा रहा है।