साल 2017 में जिस किसान आंदोलन के बाद से ही तत्कालीन शिवराज सरकार को किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगा कर कांग्रेस ने खूब कोसा, उस कार्रवाई को अब सत्ता मिलने के बाद कमलनाथ सरकार सही बता रही है. कमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन ने कांग्रेस के ही विधायक हरदीप सिंह डंग के एक सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि किसानों पर विधि सम्मत प्रक्रिया अनुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए. दरअसल, कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने गृहमंत्री बाला बच्चन से सवाल पूछा था कि मई और जून 2017 में कितने किसानों के खिलाफ राजनीतिक द्वेषतापूर्ण मामले दर्ज किए गए हैं और राज्य सरकार ने उन पर क्या कार्रवाई की है? इस सवाल का गृह मंत्री बाला बच्चन ने लिखित जवाब दिया है कि विधि सम्मत प्रक्रिया के तहत उस समय किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
गृहमंत्री बाला बच्चन ने जब शिवराज सरकार में किसानों के खिलाफ हुई पुलिस की कार्रवाई को विधि सम्मत बताते हुए तत्कालीन बीजेपी सरकार को क्लीनचिट दे दी तो इस पर सवाल उठना लाजिमी है. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या कांग्रेस ने किसानों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए झूठ बोला क्योंकि तब किसानों पर की गई कार्रवाई को झूठा बताते हुए कांग्रेस ने बीजेपी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया था और विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को खूब भुनाया भी था.विधानसभा में पूछे सवाल पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने विधायक हरदीप सिंह डंग को बताया है कि किसानों पर दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि इससे पहले फरवरी 2019 में विधायक हर्ष गहलोत द्वारा विधानसभा में पूछे गए लिखित सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने बताया था कि जून 2017 को महू-नीमच हाइवे पर की गई पुलिस फायरिंग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत आत्मरक्षा के लिए की गई थी. बीजेपी ने इसे मंदसौर मामले पर कांग्रेस का यू-टर्न बताया था और उस वक्त विवाद इसलिए भी ज्यादा बढ़ गया था क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में खुद की सरकार के गृहमंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया था.
तत्कालीन शिवराज सरकार में पुलिस कार्रवाई को विधि सम्मत बताने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हल्ला बोला है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने झूठ, भ्रम का वातावरण बनाने का प्रयास किया था और यह प्रचारित किया कि बीजेपी की सरकार ने दमनपूर्वक कार्रवाई की, लेकिन कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ की कलई आज उनके ही विधायक द्वारा विधानसभा में लगाए गए प्रश्न से खुल गई. कांग्रेस झूठ की राजनीति करती है यह फिर से जगजाहिर हो गया है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस एक झूठ को दस बार बोलकर सच साबित करने की कोशिश करती है, लेकिन जनता कांग्रेस के झूठ में नहीं आने वाली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं को यह बताना चाहिए कि चुनाव के समय जो बाते कही गई थी वह झूठ था या आज विधानसभा में किसान आंदोलन को लेकर जो बात कही गई है वह झूठ है? किसानों को लेकर झूठ की राजनीति करने वाली कांग्रेस एक बार फिर बेनकाब हो गई है.