बुधवार को भारत की हार के साथ ही करोड़ों भारतीयों का सपना एक झटके में टूट गया. वर्षा बाधित इस सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और इसका पीछा करते हुए भारतीय टीम खराब शुरुआत से उबर नहीं पायी और 221 रन पर ऑल-आउट हो गईबुधवार को भारत की हार के साथ ही करोड़ों भारतीयों का सपना एक झटके में टूट गया. वर्षा बाधित इस सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया और इसका पीछा करते हुए भारतीय टीम खराब शुरुआत से उबर नहीं पायी और 221 रन पर ऑल-आउट हो गई
पिछले कई महीनों से हर ओर चर्चा थी, कि टीम मज़बूत है, विश्व कप हमारा है. कोहली के कंधों पर 1983 और 2011 के इतिहास को दोहराने की ज़िम्मेदारी थी. लेकिन जब मौका आया तो पूरे विश्व कप में चैम्पियन की तरह बल्लेबाज़ी करने वाली टीम इंडिया सेमीफाइनल में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. और इस हार के बाद तमाम फैंस की उम्मीदें, ख्वाब और दिल एक साथ चकनाचूर हो गए सेमीफाइनल मुकाबला दो दिनों तक चला. पहले दिन न्यूज़ीलैंड ने 46.1 ओवर खेले और दूसरे दिन 23 गेंद खेल कर टीम इंडिया को 240 रनों का लक्ष्य दिया
लक्ष्य आसान लग रहा था. लेकिन किसको पता था कि टीम इंडिया ने जो गेंदबाज़ी पहले दिन की थी वो इस पूरे फिल्म में केवल ट्रेलर था, पिक्चर तो दूसरी पारी में न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ दिखाने वाले थे. 10 ओवर में 24 रन बोर्ड पर लगे थे और टीम के वो चार बल्लेबाज़ पवेलियन में थे, जिनपर जीत दिलाने का दारोमदार थाटैलेंटड होने का तमगा मिलने के बाद भी टीम से बाहर रहने वाले पंत विश्व कप में किस्मत से पहुंचे थे. उनके लिए ये गोल्डन से भी ज्यादा महत्वपूर्ण मौका था. लेकिन अनुभव की कमी उनकी पारी को 32 रनों से आगे नहीं बढ़ा पाई
इसके बाद दो दिग्गजों धोनी और हार्दिक पांड्या ने वो खेल दिखाया जिससे करोड़ों भारतीय फैंस एक बार फिर टीवी स्क्रीन्स पर जम गए. ये उम्मीद भी जल्द टूट गई. पांड्या भी 32 रन ही बना पाए. इसके बाद धोनी भी रन आउट हो गए और टीम की जीत की आस खत्म हो गई. टीम इंडिया 49.3 ओवर में 221 रन पर ऑल-आउट हो गई और न्यूजीलैंड ने 18 रन से मैच जीतकर फाइनल में जगह बना ली
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर जो कारनामा न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों ने किया, वो इतिहास में दर्ज हो गया. लेकिन विश्व कप में वर्ल्ड चैम्पियन की तरह खेलने वाली टीम इंडिया की हार हर भारतीय के दिल में कई दिनों तक टीस बन कर चुभती रहेगी सालों के इंतज़ार के बाद कोहली अपनी विश्व कप जीत से महज़ दो कदम दूर थे. हार के बाद कोहली का ये चेहरा उनके दुख को बयान करने के लिए काफी हैक्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल हैं और इन खेल में बड़े उलटफेर होते रहे हैं. टीम इंडिया लीग मैच में नंबर एक टीम रही लेकिन एक मैच में खराब प्रदर्शन ने उसके खिताब जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया.