किसानों की कर्जमाफी का बड़ा वादा करके सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने 2 लाख 33 हजार करोड़ रुपए का अपना पहला फुल बजट बुधवार को पेश किया। इसमें किसानों के हिस्से में पिछले साल के बजट के मुकाबले 66 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कर्जमाफी के लिए फिर 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले आए लेखानुदान में किए गए पांच हजार करोड़ के वादे को मिलाकर राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में कर्जमाफी के लिए 13 हजार करोड़ रख दिए हैं। कांग्रेस के वादे के मुताबिक किसानों की पूरी कर्जमाफी के लिए सरकार को करीब 50 हजार करोड़ चाहिए। साफ है कि इसमें दो साल का वक्त और लग सकता है।
वित्तमंत्री तरुण भनोत ने कर्जमाफी के वादे को पूर्ण करने के साथ यह भी बता दिया कि राज्य सरकार अाधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसीलिए नगरीय विकास विभाग के बजट में पिछले साल की तुलना में 28 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही बहुप्रतीक्षित योजना भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे के बीच कमलनाथ सरकार सैटेलाइट टाउन, इंडस्ट्रियल एरिया और ड्राइ पोर्ट बनाएगी, ताकि एक्सप्रेस वे से मप्र की आर्थिक नगरी इंदौर और राजधानी भोपाल जुड़ जाएं। साथ ही दोनों बड़े शहरों के बीच विकास तेजी से हो सके। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग इसकी योजना बनाएगी।
भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे और मौजूदा भोपाल-इंदौर फोरलेन के बीच की 22 हजार एकड़ जमीन पर अल्ट्रा मेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की तैयारी है। जमीन के चयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा रही है। इसके बाद बड़े पैमाने पर जमीन ‘लैंड पुलिंग पाॅलिसी’ के तहत ली जाएगी। टाउनशिप में रेसीडेंशियल के साथ-साथ कमर्शियल प्लाॅट के साथ तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। अल्ट्रा मेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप का पायलट प्रोजेक्ट पीथमपुर के पास 500 एकड़ में शुरू किया गया है। इसमें उद्योग विभाग ने लैंड पुलिंग पॉलिसी का ही इस्तेमाल किया है। इसके सफल होते ही, इस पॉलिसी को एक्सप्रेस-वे के किनारे भी लागू किया जाएगा।
1 लाख 85 हजार करोड़ रु. के कर्ज में डूबी सरकार को इस साल वेतन, पेंशन और ब्याज पर कुल बजट का 34.33% यानी 63264 करोड़ रु. खर्च करना होंगे। इसमें ब्याज के ही 14332 करोड़ रु. चुकाने होंगे। सरकार पर एक साल में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बड़ा है।
जमीन के मालिक से राज्य सरकार बात करेगी। प्रस्ताव रखेगी कि वह जमीन की कीमत का 40 फीसदी पैसा तत्काल ले सकता है। अल्ट्रा मेगा इंडस्ट्रियल टाउनशिप की सुविधाएं विकसित होने के बाद भूमि स्वामी चाहे तो शेष राशि रेसीडेंशियल प्लाॅट के रूप में लेगा। भूमि मालिक को लगता है कि इसके बाद भी राशि कम है तो वह कमर्शियल प्लाॅट लेगा। इससे सरकार को तुरंत जमीन अधिग्रहण पर लगने वाली बाजार मूल्य की दो गुना राशि नहीं देना पड़ेगी।
लाख 85 हजार करोड़ रु. के कर्ज में डूबी सरकार को इस साल वेतन, पेंशन और ब्याज पर कुल बजट का 34.33% यानी 63264 करोड़ रु. खर्च करना होंगे। इसमें ब्याज के ही 14332 करोड़ रु. चुकाने होंगे। सरकार पर एक साल में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बड़ा है युवा स्वाभिमान योजना 150 मुख्यमंत्री नया सवेरा योजना 642 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन 386 राइट टू वाटर 1000 सरल बिजली बिल योजना 300 जय किसान कर्ज माफी स्कीम 8000 इंदिरा किसान ज्योति योजना 7117 मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण100
नाथ सरकार ने बजट में राम वनगमन पथ के अंचलों के विकास के लिए 22 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। वर्ष 2017-18 से इस मद में कोई बजट नहीं था।मठ-मंदिर सलाहकार समिति और नदियों के लिए न्यास बनाने की घोषणा के साथ ही 50-50 लाख रु. के बजट का प्रावधान किया है। पिछली सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया। गोशालाओं और पशु संवर्धन पर 132 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। चारे और भूसे यानी पशुओं के खाने के लिए भी एक रुपए प्रतिदिन प्रति गाय पर बढ़ाकर 20 रुपए देने का भी एेलान किया गया। पहला मनरेगा व अन्य याेजनाओं के कन्वरजेंस से, दूसरा काॅर्पोरेट तरीके से और तीसरा मंदिरों की भूमि पर।
बजट में सरकार ने कहा है कि वह ब्रांडिंग व मार्केटिंग विशेषज्ञ एजेंसियों के जरिए भोपाल के बटुए, मालवा के चूरमा-लड्डू व बाटी, मुरैना की गजक, भिंड के पेड़े, सागर की चिरौंजी बर्फी, बुंदेलखंड की मावा जलेबी, चंदेरी एवं महेश्वर की साड़ियां, धार का बाघ प्रिंट कपड़ा, छतरपुर-टीकमगढ़ के पीतल के उत्पाद और रतलाम के सेव को देश-विदेश में पहचान दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। छिंदवाड़ा, रीवा, उज्जैन, दतिया में रीजनल एयर कनेक्टिविटी बनेगी मेडिकल काॅलेजों में 860 सीटें बढ़ेंगी। छिंदवाड़ा में नया विश्वविद्यालय खुलेगा। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर में बर्न यूनिट व स्किल फाॅर ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट शुरू होंगे। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के हेल्थ ऑफिसरों के 1015 और एएनएम के 2 हजार पद भरेंगे। सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा-शर्तों के परीक्षण के लिए आयोग का गठन होगा।