सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट भोपाल ने बुधवार को पंजाब नेशनल बैंक के एजीएम के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर की है। एजीएम ने इंदौर की शीतला माता ब्रांच में पदस्थ रहते हुए एक कंपनी को 8.91 करोड़ का फर्जी लोन स्वीकृत किया था। भोपाल की टीम ने पटना, मुरादाबाद (उप्र) और कोलकाता के दो स्थानों पर सर्चिंग कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
सीबीआई के मुताबिक पीएनबी के एजीएम शैलेष रंजन सिंह मूलत: पटना के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग मुरादाबाद में है। जब उनकी पोस्टिंग कोलकाता में थी तो उनके द्वारा कोलकाता की एक फर्जी कंपनी दीपमाला विनमय प्रालि को लोन देने की तैयारी चल रही थी। इस बीच उनका ट्रांसफर इंदौर की शीतला माता ब्रांच में हो गया था। अपने 2014-2015 के कार्यकाल के दौरान उन्होंने उक्त कंपनी के दो डायरेक्टरों गोपाल गोयनका और लक्ष्मण कुमार बेरीवाल को इंदौर बुलाकर लोन देने की प्रक्रिया शुरू की थी।
इसके लिए कई फर्जी दस्तावेज और बिल तैयार कराए गए थे। रंजन द्वारा फर्जी कंपनी को 8 करोड़ 91 लाख 20 हजार 338 रुपए का लोन स्वीकृत किया गया था। बैंक की विजलेंस ने इस संबंध में जांच की थी। जांच में लोन फर्जी दस्तावेजों पर स्वीकृत होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद बैंक मैनेजर की ओर से सीबीआई में शिकायत की गई थी।