हालात मुश्किल हैं, लेकिन पार्टी जल्द ही इससे उबर जाएगी, कांग्रेस को खुद को फिर से पुनर्जीवित और परिवर्तित करना होगा, ये कहना था कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का. उन्होंने कहा कि किसी ऐसी शख्सियत को कांग्रेस अध्यक्ष पद दिया जाना चाहिए जो पार्टी में नई ऊर्जा भर पार्टी को मजबूत कर सके और सबको खासतौर से देश के पार्टी कार्यकर्ता को साथ लेकर चल सके.
लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार भोपाल आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश विधानसभा में मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि जिस राहुल गांधी जी ने केवल कांग्रेस का ही नहीं बल्कि देश के लोगों का नेतृत्व किया है, वे अपने पद को छोड़ देंगे.’ पार्टी अध्यक्ष के मुद्दे पर उन्होंने कहा “समय निकल चुका है, हम इसमें और समय नहीं लगा पाएंगे. पहले ही सात सप्ताह बीत चुके हैं, संयुक्त रूप से साथ मिलकर हमें करना है. ये समय नहीं है एक एक कांग्रेस जन को अपना एजेंडा चलाने का ये समय है एक साथ मिलकर संयुक्त निर्णय लेना का.”
गौरतलब है कि सिंधिया को AICC अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग करने वाला एक पोस्टर हाल ही में भोपाल में मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर लगाया गया था. लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर, सिंधिया ने कहा, “वर्तमान में पार्टी एक गंभीर स्थिति से गुजर रही है. लोगों का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेस को खुद को पुनर्जीवित और मजबूत करना होगा। मुझे लगता है कि वह क्षण आ गया है.”
उन्होंने कहा, ”मैंने कभी भी बैक फुट पर बल्लेबाजी नहीं की, बल्कि हमेशा फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी की. जो परिणाम आए हैं वो सर माथे हैं, मैं कभी इस बात से परहेज़ नहीं कर सकता कि आप में भी कमी थी, कमी नहीं होती तो ये नतीजा क्यों आता. पहली जवाबदेही हमारी होनी चाहिये. जहां तक मेरा परिणाम है शायद नहीं ज़रूर कमी ज्योतिरादित्य सिंधिया की होगी, मुझे आत्मवालोकन करके कमियां ढूंढनी होगी.”
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ”कांग्रेस के लिए ये बड़ा गंभीर समय है. हमने बहुत कोशिश की कि हम उन्हें मना पाए लेकिन वो कोई फैसला लेते हैं तो अडिग रहते हैं. इस बात का गर्व भी है हमें. लेकिन अब समय हो गया है. अब ऐसे शख्स को मौका दिया जाना चाहिए जो कांग्रेस में नई जान फूंक सके.”कांग्रेस में ज़िम्मेदारी बुजुर्ग नेता को मिले या युवा इस मुद्दे पर सिंधिया ने कहा, “मैं मोदीजी नहीं हूं, देश की आबादी को पुराने और में विभाजित न करें युवा. जरूरत उम्र के बजाय व्यक्तिगत क्षमताओं पर ध्यान देने की है. लेकिन समय बीतने के साथ, परिवर्तन होने की जरूरत है. यहां तक कि एक समय भी होगा, जब मुझे जाना होगा.”
कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे और गोवा में 10 कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी पीछे के दरवाजे से सत्ता में आना चाहती है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जहां तक कर्नाटक की बात है, गोवा की बात है, ये कोई नई बात नहीं है. बीजेपी की सीधी सोच है कि जहां-जहां उन्हें सामने के दरवाजे से प्रवेश न मिले, वहां पीछे के दरवाजे से प्रवेश हो.” कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बीजेपी का एक ही लक्ष्य है, ‘सरकार बनाओ, मौज करो’. बीजेपी को जनता से लेना-देना नहीं है.”
कांग्रेस नेता सिंधिया ने कहा कि बीजेपी पिछले छह महीने से मध्यप्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश में है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मध्यप्रदेश की बात है यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने जैसा ही होगा.” एमपी में पार्टी के विधायकों को बीजेपी की बात में नहीं आने के लिए पार्टी ने कोई मैसेज विधायकों को दिया है के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘विधायकों को इंटरनल मैसेज देने की कोई जरूरत नहीं है. हमारे विधायकों को जनता ने चुना है और विधायक अपनी जवाबदेही अच्छी तरह से समझते हैं.” सिंधिया ने कहा, ”विधायक चाहे बीजेपी के हों या कांग्रेस के, मैं मानता हूं कि जो विधायक चुना जाता है वह परिपक्व है और अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से समझता है.”
ब्यूरोक्रेसी हावी होने के सवाल उन्होंने कहा कि न मंत्री ऊपर, न ब्यूरोक्रेसी ऊपर, सबको टीम भावना से काम करना ही होगा, तभी सरकार सफल होगी. नौकरशाही और मंत्रियों को एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश करने के बजाय मिलकर काम करने की जरूरत है। नौकरशाही नए विचार दे सकती है और नया कर सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय मंत्रियों को लेना है. मुख्यमंत्री सहित कोई भी (नौकरशाही या मंत्री) किसी से भी ऊपर नहीं है, लेकिन टीम भावना के साथ काम करने की जरूरत है.”
कैबिनेट में सिंधिया गुटा के मंत्रियों के टकराव के सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ये हर परिवार में होता है. यह एक स्वस्थ्य परंपरा है. इससे प्रजातंत्र को कोई हानि नहीं है. प्रजातंत्र और मजबूत होगा. “हर व्यक्ति न्याय चाहता है, सम्मान चाहता है हर व्यक्ति चाहता है उसकी आवाज़ सुनी जाए. मैं तो मानता हूं ये स्वस्थ परंपरा है क्या आप ऐसे चाहोगे जैसे मोदीजी की सरकार है जहां कोई कुछ ना बोल पाए. हर व्यक्ति अपनी बात बोल पाए इसमें कोई कठिनाई नहीं है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप साथ नहीं हो. कांग्रेस साथ थी साथ है और साथ रहेगी.”
हालांकि विधानसभा में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बीजेपी ने आंखें टेढ़ी कर ली हैं. प्रदेश प्रवक्ता राहु कोठारी ने मध्यप्रदेश विधानसभा के परिसर का राजनीतिक उपयोग करने पर सिंधिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही करने की मांग की है. कोठारी ने कहा लोकसभा में करारी शिकस्त के बाद मुंह छुपा कर घूम रहे कांग्रेस के नेता सिंधिया विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. वह जिस तरह खुलेआम प्रेस कांफ्रेंस करके मध्यप्रदेश विधानसभा को अपने अस्तित्व बचाने का अखाड़ा बना रहे हैं वह ना केवल संवैधानिक मर्यादाओं का हनन है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. आज की घटना से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस पार्टी नियम एवं मर्यादाओं में विश्वास नहीं करती ,यदि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तत्काल कड़ी कार्यवाही नहीं कि गयी तो विधानसभा अध्यक्ष की संदेहास्पद भूमिका की बारे में भी माननीय राज्यपाल महोदया को संज्ञान लेना चाहिए.