Home स्पोर्ट्स हार के पोस्टमार्टम के बाद शास्त्री ने तोड़ी चुप्पी…

हार के पोस्टमार्टम के बाद शास्त्री ने तोड़ी चुप्पी…

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आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी की बैटिंग पोजीशन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मैच में धोनी नंबर 7 पर बैटिंग करने उतरे थे, जबकि ऋषभ पंत को 4 और दिनेश कार्तिक को नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने भेजा गया था.पांच रन के स्कोर पर तीन विकेट गिरने के बाद टीम इंडिया को जिस नंबर पर धोनी की जरूरत थी उस पर ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक जैसे उन बल्लेबाजों को उतारा गया जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था.

धोनी को सातवें नंबर पर बैटिंग के लिए भेजने वाले फैसले पर टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने सफाई दी है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए रवि शास्त्री ने कहा, ‘धोनी को सातवें नंबर पर बैटिंग के लिए भेजने का फैसला पूरी टीम का था और ये एक आसान फैसला था.’शास्त्री ने कहा, ‘अगर धोनी पहले बैटिंग के लिए आते और वो जल्दी आउट हो जाते तो स्थिति और खराब हो जाती. हमें उनके अनुभव की बाद में जरूरत थी.

शास्त्री ने कहा, ‘धोनी दुनिया के सबसे बड़े फिनिशनर हैं और अगर हम उनका इस्तेमाल ऐसे नहीं करते तो फिर ये न्याय नहीं होता. टीम में हर कोई ये चाहता था कि वो बाद में बैटिंग करें.शास्त्री से पहले विराट कोहली ने कहा था कि ‘शुरुआती कुछ मैचों के बाद यह प्लान किया गया था कि धोनी निचले ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ खेलेंगे. उन्होंने जडेजा के साथ अच्छी बल्लेबाजी की. टीम में सही बैलेंस होने की जरूरत है. अगर एक खिलाड़ी हिट कर रहा है, तो दूसरे को विकेट बचा कर खेलने की जरूरत होती है.’

धोनी को लेकर सचिन ने कहा था कि ‘मुझे लगता है कि धोनी अगर नंबर 5 पर होते तो चीजें अलग हो सकती थीं. धोनी, जडेजा की पारी के दौरान उनसे लगातार बात कर रहे थे और और उनका गेम देखकर ऐसा लगा कि वे पूरी परिस्थिति को कंट्रोल कर रहे थेसचिन ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि मिडिल ऑर्डर के विस्फोटक बल्लेबाज होने के बाद जब हार्दिक पंड्या और पंत जैसे खिलाड़ियों को पार्टनरशिप बनाने की जरूरत थी तो उन्होंने अपने विकेट गंवा दिए. दरअसल, उन्हें इस परिस्थिति में अलग तरीके के माइंडसेट की जरूरत थी.’

सचिन ने कहा, ‘नंबर 4 पर पंत और नंबर 5 पर धोनी होते और पंत के साथ कुछ उसी तरह चीज़ों को कंट्रोल करने की कोशिश करते जैसा उन्होंने जडेजा के साथ किया और अगर पंत और हार्दिक, एम एस धोनी के साथ 5-7 ओवर्स टिक जाते तो स्थिति कुछ और हो सकती थी. हो सकता है कि टीम की रणनीति ये रही हो कि दिनेश कार्तिक को नंबर 5 पर भेजकर न्यूजीलैंड की स्विंग को कंट्रोल करने की कोशिश की जा सके और गेंद को ज्यादा से ज्यादा पुराना किया जा सके ताकि आखिर में धोनी और जडेजा जैसे सितारे गेम को भारत की झोली में डाल सके. लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं कि भारत के टॉप तीन बल्लेबाजों के आउट होते ही मध्यक्रम पर काफी दबाव आ गया और  चूंकि भारत के टॉप तीन बल्लेबाज पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में उनके सस्ते में निपट जाने के साथ ही मध्यक्रम एक्सपोज हो गया.धोनी ने इस मैच में 72 गेंदों पर 50 रन की पारी खेली. धोनी ने जडेजा के साथ सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी की. इसके बावजूद टीम इंडिया जीत से दूर रह गई.

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