कर्नाटक संकट का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कर्नाटक कांग्रेस के बागी विधायक आनंद सिंह और रोशन बेग सहित समेत पांच विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका स्वीकार की है। इस याचिका में विधायकों ने स्पीकर से इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता के मामले में यथास्थिति बनाई रखी जाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने इसके साथ ही कर्नाटक के राजनीतिक संकट को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई 16 जुलाई के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने अपने आदेश में विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार इन बागी विधायकों के त्यागपत्र और अयोग्यता के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लेंगे। ताकि मामले की सुनवाई के दौरान उठाए गए व्यापक मुद्दों पर न्यायालय निर्णय कर सके।
पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का भी जिक्र किया है कि अध्यक्ष और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत बागी विधायकों द्वारा दायर याचिका की विचारणीयता का मुद्दा भी उठाया है। पीठ ने यह भी कहा कि बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अध्यक्ष की इस दलील का प्रतिवाद किया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के इस्तीफे के मसले पर विचार करने से पहले उनकी अयोग्यता के मामले पर निर्णय लेना होगा। पीठ ने कहा कि इन सभी पहलुओं और हमारे समक्ष मौजूद अधूरे तथ्यों की वजह से इस मामले में आगे सुनवाई की जरूरत है।