भोपाल का मेट्रो प्रोजेक्ट पैसेंजर की चाल से चल रहा है। 6941 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार को 1388.20 करोड़ रुपए अंशदान देना है, जबकि मौजूदा बजट में भोपाल के हिस्से में 50 करोड़ रुपए से अधिक आने की उम्मीद नहीं है। एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी रूट के सिविल वर्क के लिए पिछले साल अक्टूबर में वर्क ऑर्डर जारी होने के नौ महीने बाद भी न तो यह काम गति पकड़ सका है और न शेष रूट के लिए सर्वे जैसा जरूरी काम पूरा किया जा सका है।
नतीजा अन्य काम कब शुरू होंगे इसका कोई ठिकाना ही नहीं है। पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार द्वारा दी गई औपचारिक मंजूरी के बाद दिसंबर से सॉइल टेस्टिंग शुरू हुई। कहा जा रहा था कि मई में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन जुलाई का आधा महीना बीत गया है और अभी टेस्टिंग और टेक्निकल डिजाइन का काम चल रहा है। बताया जाता है कि मानसरोवर कांप्लेक्स से गायत्री मंदिर तक फ्लाईओवर की घोषणा से भी डिजाइन को बदलना पड़ा है।
एम्स से सुभाष नगर तक सिविल कंस्ट्रक्शन में अड़चनें कम नहीं हैं। हबीबगंज नाके के पास झुग्गियां हटाई जाना है। कुछ हिस्से में रेलवे की जमीन आ रही है। यहां काम करने के लिए अलग से अनुमति लेना होगी। एमपी नगर में गुमठियां, बिजली पोल, कोलार पाइप लाइन आदि की शिफ्टिंग होना है। दो पेट्रोल पंप की जमीन भी मेट्रो रूट पर आ रही है।
इस 6.22 किमी रूट के सिविल वर्क के साथ शेष रूट के लिए भी वर्क ऑर्डर दिया जाना था। लेकिन अब तक सुभाष नगर से करोंद और भदभदा से रत्नागिरी तक सर्वे ही पूरा नहीं हुआ है। पुल बोगदा क्षेत्र में नई कोलार पाइप लाइन मेट्रो के रूट पर आ गई है। स्टड फार्म की जमीन पर डिपो का निर्माण होना है, लेकिन यहां भी अतिक्रमण हो रहा है।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 3470.20 करोड़ रुपए का लोन यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) से लिया जाना है। बैंक ने इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन यह लोन अब भी अधर में है। वजह यह कि मेट्रो रेल कंपनी के गठन के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एमओयू की औपचारिकता अब तक पूरी नहीं हुई है। एमओयू के बाद मेट्रो रेल कंपनी का गठन होगा, जिसमें चेयरमेन केंद्र सरकार और मैनेजिंग डायरेक्टर राज्य सरकार का प्रतिनिधि होगा। पर्पल लाइन नाम के इस रूट पर दो स्टेशन अंडरग्राउंड रहेंगे। मेट्रो का पहला रूट भोपाल रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के नजदीक से गुजरेगा। यहां मेट्रो का ट्रैक अंडरग्राउंड होगा।
करोंद चौराहा, कृषि उपज मंडी, डीआईजी बंगला, सिंधी कॉलोनी, नादरा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, भारत टॉकीज, पुल बोगदा, ऐशबाग स्टेडियम के पास, सुभाष नगर अंडरपास के पास, मैदा मिल केंद्रीय विद्यालय, एमपी नगर, सरगम सिनेमा, हबीबगंज कॉम्प्लेक्स, अलकापुरी और एम्स। रेड लाइन नाम के इस रूट के सभी स्टेशन जमीन के ऊपर रहेंगे। मेट्रो प्रोजेक्ट में यात्री किराए के अलावा विज्ञापनों के जरिए भी आय जुटाई जाएगी।भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रंगमहल टॉकीज, रोशनपुरा चौराहा, मिंटो हॉल, लिली टॉकीज, जिंसी, बोगदा पुल, प्रभात चौराहा, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया, इंद्रपुरी, पिपलानी और रत्नागिरी तिराहा।