हरा भोपाल-शीतल भोपाल अभियान के क्रियान्वयन के लिए गठित कार्यसमूह की बैठक सोमवार को हुई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में लोगों को पौधरोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाए। लोगों की भागीदारी और जुड़ाव के लिए पौधे कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इच्छुक व्यक्तियों को पौधा मांग-पत्र सरलता से उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो। इसके लिए घर-घर मांग-पत्र वितरित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण में स्थानीय पर्यावरण और परिवेश की दृष्टि से उपयुक्त पौधे लगाए जाएं।
मोहंती ने कहा कि यह तय किया जाए कि भवन निर्माण में पेड़ नहीं काटने पड़ें। जरूरी होने पर कटने वाले पेड़ों की संख्या से दस गुना अधिक पौधे लगाना अनिवार्य किया जाए। संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि तेजी से कम होते पेड़ और बढ़ रहे तापमान के मद्देनजर बड़ी संख्या में पौधे लगाने की जरूरत है। अब तक भोपाल में चार लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। अभियान के क्रियान्वयन में शासकीय एजेंसियों की सक्रियता के साथ जन-समुदाय की सहभागिता और सक्रियता आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान में छात्र-छात्राओं को सहभागी बनाएं। उनके द्वारा लगाये गये पौधे पर उनका नाम अंकित करें और देखभाल की जिम्मेदारी भी उन्हें ही दी जाए। सरकारी कार्यक्रमों में अतिथियों, कलाकारों से भी पौधरोपण कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराते समय पौधरोपण की शर्त को अनिवार्य किया जा सकता है।
आवास संघ के पूर्व चेयरमैन एएस सिंहदेव ने कहा कि टीएंडसीपी और बिल्डिंग परमिशन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पेड़ लगाए जाने संबंधी कंडीशन का उल्लेख होता है, लेकिन इसका पालन नहीं होता है। उन्होंने बताया कि 1956 में राजधानी परियोजना को 74 बंगले से लेकर ई-5 अरेरा काॅलोनी के क्षेत्र के विकास का भार सांैपा गया। उस समय वहां पथरीला जमीन होने के साथ छोटी झाड़ियां थीं। लेकिन लगातार पौधरोपण से आज क्षेत्र हरा-भरा हो गया है। इसी मॉडल पर कॉलोनियों का विकास हो। जो इसका पालन नहीं करें, उन पर जुर्माना लगाया जाए।