लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज़ सईद को पाकिस्तान के लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया है. ग्लोबल आतंकी हाफिज को लाहौर की लखपत जेल में रखा जाएगा. लेकिन हाफिज की गिरफ्तारी 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले को लेकर नहीं हुई है, बल्कि टेरर फंडिंग से जुड़े कई मामलों में हुई है. और ना ही लाहौर की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया गया है, जबकि काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने गिरफ्तार किया है.
CTD ने पाकिस्तान के एंटी टेररिज्म एक्ट-1997 के तहत दो दर्जन से अधिक केस में कार्रवाई की है. हाफिज सईद पर टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है. बीते तीन जुलाई को हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मक्की समेत कई अन्य बड़े आतंकियों पर CTD ने ये एक्ट लगाया था और मामला दर्ज किया था.
CTD ने पंजाब के पांच शहरों में जमात उद दावा के नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसमें अल-अंफाल ट्रस्ट, दवात-उल-इरशाद ट्रस्ट, मुआज़-बिन-जबल ट्रस्ट जैसे ऑर्गनाइजेशन के तहत फंड इकट्ठा करने का आरोप लगा मामला दर्ज किया गया है.
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में लाहौर, गुजरांवाला, मुल्तान, फैसलाबाद और सरगोदा में मामले दर्ज किए थे. जमात उद दावा के हाफिज सईद और अब्दुल रहमान मक्की के अलावा मलिक जफर इकबाल, आमिर हमाज, मोहम्मद अजीज और अब्दुल गफ्फार पर भी केस दर्ज किया गया था.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जमात उद दावा, लश्कर ए तैयबा और फलाह ए इंसानियत पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे. जिसके दबाव में आकर CTD को ये गिरफ्तारी करनी पड़ी. UN के प्रतिबंध के बाद जनवरी, 2019 में नेशनल सेक्युरिटी कमेटी (NSC) ने इसके आदेश दिए थे. जनवरी से लेकर अब तक CTD ने इस मामले में सबूत इकट्ठा किए, कुछ जगहों पर छापे मारे गए, कई संपत्तियों को जब्त भी किया गया था. और अब जाकर अंत में उसे गिरफ्तार किया गया है.
आपको बता दें कि कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने जाना है. व्हाइट हाउस में ये मुलाकात होनी है, ऐसे में दिखावे के लिए पाकिस्तान इस तरह की कार्रवाई कर रहा है.