विधानसभा में गुरुवार को भाजपा विधायकों ने बिजली के बढ़े हुए बिलों पर विधानसभा से लेकर सड़क तक हंगामा किया। इसके पहले संबल योजना बंद करने के विरोध में विपक्षी भाजपा ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों ने मॉब लिचिंग एक्ट को लेकर भी भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया इस कानून के जरिए सरकार समाज को बांटना चाहती है
बिजली के ज्यादा बिलों को लेकर भाजपा कार्याकर्ताओं ने लोगों के साथ हाथों में बिजली के बढ़े हुए बिल लेकर विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पहले ही रोक दिया गया। लोगों का आरोप है कि बिजली के 200 रुपए महीना किया गया था, लेकिन हमारे 5 हजार तक बिल आ रहे हैं।
इसके पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की विद्यार्थियों को स्मार्टफोन वितरण योजना को लेकर मचे हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, जिससे प्रश्नकाल भी नहीं चल सका। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक चैतन्य कश्यप ने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से इस योजना के क्रियान्वयन के संबंध में पूछा। उन्होंने कहा कि प्राचार्यों के बीच इस योजना को लेकर असमंजस है और शासन का इस योजना को जारी रखने के बारे में क्या स्पष्ट मत है।
मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि ये योजना विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से जोड़े रखने की थी, लेकिन मौजूदा सरकार का मत है कि 2100 या 2200 रुपये की राशि में किस गुणवत्ता का स्मार्टफोन आ पाता होगा। उन्होंने कहा कि शासन किसी अच्छी योजना के बारे में विचार कर रहा है। मंत्री ने ये भी कहा कि समय समय पर कई अखबारों ने वितरित स्मार्टफोन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। विभाग ने इन पर संज्ञान लिया है और अब इसकी जांच कराई जा रही है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट प्रश्नकर्ता विधायक ने कहा कि सरकार इस योजना को जारी रखने के बारे में स्थिति स्पष्ट करे। इस पर मंत्री श्री पटवारी ने आरोप लगाया कि ये योजना पूर्ववर्ती सरकार में राजनीतिक लाभ के लिए शुरू की गई थी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि सरकार योजना को जारी रखे जाने के सम्बंध में हां या ना में उत्तर दे। इसी दौरान भार्गव और मंत्री पटवारी में हल्की कहा-सुनी भी हुई। मंत्री पटवारी ने कहा कि उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।
इसी मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। शोरगुल और हंगामे के कारण अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सदन की कार्यवाही पहले पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन के एकसुर में नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने दोबारा ये मामला उठाते हुए कहा कि सरकार की ओर से प्रश्नों के उत्तर नहीं आ रहे। इसी बीच अध्यक्ष प्रजापति ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पूरे सदन को उद्वेलित कर रहे हैं और शेष विधायकों के प्रश्न नहीं आ पा रहे हैं। इस दौरान भी पक्ष-विपक्ष का हंगामा लगातार जारी रहा। लगातार शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।