कोलार के चीचली गांव में पौने चार साल के वरुण का अपहरण कर हत्या करने वाली पड़ोसन सुनीता सोलंकी को कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के कथन दर्ज हो चुके हैं और आवश्यक साक्ष्य भी मिल चुके हैं। इसलिए आरोपी को रिमांड पर लेने की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद निमिता द्विवेदी की कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। हत्या का सही कारण जानने पुलिस ने कोर्ट में पेश करने से पहले दोबारा सुनीता से पूछताछ की, लेकिन वह अपने पूर्व के बयान पर ही कायम रही। मजिस्ट्रेट नमिता द्विवेदी ने सुनीता से पूछा कि तुम्हारा कोई वकील है। इस पर महिला ने कहा कि उसका कोई वकील नहीं है आप ही मुझे वकील दिलवा दीजिए। अदालत ने आरोपी काे 31 जुलाई तक जेल भेज दिया है। साथ ही उसके नाबालिग बेटे को शेल्टर होम में रखा गया है।
सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चीचली पहुंचे तो वरुण के दादा नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस से लापरवाही हुई है। महिला के घर की सर्चिंग नहीं की गई। इस मामले में महिला और उसका एक बेटा आरोपी बना है। उसके रिश्तेदार और दूसरे बेटे को भी आरोपी बनाया जाए। सिंह ने उनको ढांढस बंधाया और भरोसा दिलाया कि आला अफसरों से बात करने के बाद इस हत्या के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलवाया जाएगा। जिससे आरोपी को जल्द ही सजा मिल सके। उन्होंने वहां मौजूद थाना प्रभारी कमला नगर आलोक श्रीवास्तव से कहा कि इस मामले में सुनीता के बड़े बेटे राहुल और बेटी के देवर मुकेश को भी आरोपी बनाया जाए।
वरुण के पिता विपिन का कहना है कि सुनीता झूठ बोल रही है। हमने कभी किसी तरह से उसके घर में चोरी नहीं की। बेटे की हत्या के पीछे कोई दूसरा कारण है। पुलिस सख्ती से पूछताछ करे तो सही कारण सामने आएगा। वह खेल रहा था, उसने प्लानिंग कर चाॅकलेट का लालच दिया।
वरुण की हत्या का खुलासा होने के बाद भी पुलिस ने चीचली गांव में डेरा डाल रखा है। पुलिस को आशंका है कि आक्रोशित ग्रामीण सुनीता के घर को नुकसान पहुंचा सकते हैं या कोई अप्रिय घटना हो सकती है। आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में 50-50 पुलिसकर्मी तैनात हैं। थाना प्रभारी इस ड्यूटी में शामिल हैं। डीआईजी इरशाद वली का कहना है कि पुलिस टीम को इनाम देने की घोषणा नहीं की गई है, उनके काम की सराहना की है। जिन पुलिसकर्मियों ने वाकई अच्छा काम किया है उनको इनाम दिया जाएगा।