भगवान विष्णु को संसार का पालनकर्ता माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करके मन की सारी इच्छाओं को बड़ी आसानी से पूरा किया जा सकता है. जन्म कुंडली का दूषित बृहस्पति भगवान विष्णु की पूजा अर्चना से शुभ परिणाम देता है. भगवान विष्णु की पूजा से कन्याओं के विवाह में आ रही बाधा भी दूर होती है. मुसीबत के समय भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना हर मुसीबत का रामबाण उपाय माना जाता है. भगवान विष्णु की पूजा कभी भी की जा सकती है विशेष कार्यों के लिए शुक्लपक्ष का बृहस्पतिवार काफी शुभ माना जाता है
भगवान विष्णु के तीन मंत्र देंगे सारी बीमारियों से छुटकारा-
-ॐ अच्युताय नम:
-ॐ अनन्ताय, नम:
-ॐ गोविन्दाय नम:
इस तीन मन्त्र का एकाग्रचित्त होकर जाप करने से रोग और अकालमृत्यु का भय नहीं रहता है. इन मंत्रों का जाप करने से हर तरह के शारीरिक और मानसिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि इन नामों का जाप करते रहने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है.भगवान विष्णु के इन नामों का जप उठते-बैठते, चलते-फिरते, सोते-जागते सब समय किया जा सकता है.
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ देगा धन सुख सौभाग्य का वरदान-
पवित्र मन से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व्यक्ति के सारे संकट और बाधाओं के साथ कुंडली के सारे अशुभ योगों को भी शुभता में बदल सकता है. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भाग्य साथ देने लगता है और कार्यों में सफलता मिलने लगती हैं. विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से मनोवैज्ञानिक लाभ मिलता है. मन की सारी दुविधा और परेशानियां खत्म होती है. गुरुवार के दिन सूर्योदय के समय पीले आसन पर बैठकर गाय के घी का दीया जला कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. पाठ करने के बाद भगवान विष्णु को पीले बेसन के लड्डू का भोग लगाकर छोटे बच्चों में बाटें.
-अचानक आए संकट में कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा-
1 अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा ईशान कोण में भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.
2 रोली मोली चावल धूप दीप तथा पीले फल फूल से भगवान विष्णु का पूजन करें.
3 पीले आसन पर बैठकर गाय के घी का दिया जलाएं और नारायण कवच का 3 बार पाठ करें.
4 पाठ करने से पहले पीतल के लोटे में जल भरकर रखें तथा पाठ के बाद यह जल्द सारे घर में छिड़क दें और खुद भी पीएं.