अगर आप 90s के बच्चे हैं, तो आपने अपने अभी तक के जीवन में हजार बार ये जरूर कहा होगा कि यार कार्टून तो हमारे समय में हुआ करते थे या आज कल के बच्चों को क्या पता कि हमने कितनी बढ़िया फिल्में देखी हैं. ऐसी और भी कई बातें हैं जो हम 90s में पैदा हुए लोग याद करते हैं. उन्हीं बढ़िया और संजों के रखी यादों में से एक ‘द लायन किंग’ भी है.
डिज्नी ने हम सभी को सिर्फ सिंडरेला, रपन्जल और अलादीन जैसी राजकुमार और राजकुमारियों की कहानियां ही नहीं दीं बल्कि उसने तो हमें सिम्बा से भी मिलवाया था, जो हमारे बचपन का एक बहुत अहम हिस्सा रहा है. 1994 में आई डिज्नी की एनिमेटेड म्यूजिकल फिल्म द लायन किंग को दर्शकों ने इतना पसंद किया था कि ये बॉक्स ऑफिस पर अभी तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एनिमेटेड फिल्मों में से एक बनी. इसके बाद दर्शकों की इच्छा को पूरा करते हुए इसे दोबारा रिलीज़ भी किया गया और इसे फ्रैंचाइज़ी में बदलकर इसके सीक्वल और टीवी शोज भी पेश किए गए. जब हम सिम्बा की बात करते हैं तो उसे एक फिल्म के किरदार के रूप में नहीं देखते बल्कि उसमें हमारा बचपन बसा बाजार आता है. सिम्बा की कहानी हम सभी के दिल के बेहद करीब रही है और हमेशा रहेगी.
इसलिए जब फिल्म द लायन किंग को लाइव एक्शन के रूप में बनाने की बात सामने आई थी तब फैन्स के मन में कई बड़े सवाल खड़े हो गए थे. इस फिल्म का परफेक्ट होना बहुत जरूरी था क्योंकि यहां बात सिर्फ एक फिल्म की नहीं बल्कि दुनियाभर के लोगों के बचपन की है. लेकिन फिकर नॉट! क्योंकि डायरेक्टर जॉन फेवरोऊ आपको निराश करने के मूड में बिल्कुल नहीं है
तो द लायन किंग का लाइव एक्शन वर्जन शुरू होता है गाने सर्किल ऑफ लाइफ से जो कि बिल्कुल ओरिजिनल एनिमेटेड वर्जन जैसा है. यहां हम द लायन किंग के हिंदी वर्जन की बात कर रहे हैं तो लाजमी है फिल्म में बहुत सी बातें बिल्कुल अलग थीं. फिल्म की कहानी आप जानते ही हैं, जंगल के राजा मुफासा सभी की रक्षा करते हैं और सुख शांति बनाए रखते हैं. उनका भाई स्कार उनसे जलता है और राजगद्दी पाना चाहता है. मुफासा का बेटा सिम्बा राजगद्दी का असली हकदार और वो ही बड़ा होकर राजा बनेगा ये बात पहले से ही तय है. मुफासा और सिम्बा का रिश्ता बहुत गहरा है और ये दोनों बाप-बेटे एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. एक हादसे में मुफासा की मौत सिम्बा से सबकुछ छीन लेती है, अब वो जिंदगी में आगे कैसे बढ़ेगा यही देखने वाली बात है.
इस फिल्म की चर्चा काफी समय से हो रही थी और फैन्स को मुफासा के रूप में शाहरुख खान और सिम्बा के रूप में उनके बेटे आर्यन खान की आवाज सुनने का बेसब्री से इंतजार था. आपको ये जानकर खुशी होगी कि ये दोनों ही फिल्म में बेमिसाल हैं. टीजर में मुफासा के रोल में शाहरुख खान की आवाज सुनकर कई लोगों को शक था कि शायद उनकी आवाज इस किरदार के लिए ठीक ना बैठे, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. शाहरुख खान की आवाज को इस रोल के हिसाब से गहराई दी गई है जो मुफासा को सूट कर रही है. इसके अलावा आर्यन खान की आवाज टीजर में जहां सेम टू सेम शाहरुख जैसी लग रही थी वहीं फिल्म में उनसे काफी अलग है. इतना ही नहीं आपको आर्यन का काम काफी पसंद आएगा क्योंकि उन्होंने बढ़िया वॉइस ओवर दिया है.
शाहरुख और आर्यन के अलावा फिल्म में जाजू के किरदार के लिए असरानी, टीमोन के किरदार के लिए श्रेयस तलपड़े, पुम्बा के किरदार के लिए संजय मिश्रा और स्कार के किरदार के लिए आशीष विद्यार्थी ने अपनी आवाज दी है और इन सभी का काम बेमिसाल है. खासकर आशीष विद्यार्थी की तारीफ होनी बनती है क्योंकि उन्होंने स्कार के किरदार में जिस तरह जान फूंकी है वो कमाल है.
डायरेक्शन की बात करें तो जॉन फेवरोऊ ने इस फिल्म को खूबसूरती से बनाया है. ये फिल्म देखने में बिल्कुल एनिमेटेड वर्जन जैसी है, बस इसकी खूबसूरती इसके असल दुनिया से जोड़ती है और आपको अलग तरह की खुशी देती है. फिल्म के विजुअल्स कमाल हैं और एडिटिंग काफी क्रिस्प है. पूरा जंगल, टीमोन और पुम्बा का घर, काली घाटी सबकुछ पहले जैसा है और आपको आपके बचपन के उस समय में लेकर जाता है जब आप टीवी पर सिम्बा को देखा करते थे.
हालांकि फिल्म में कुछ कमियां जरूर हैं. फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको थोड़ा स्लो लग सकता है. इसके अलावा हिंदी गानों की बात करें तो आपको उन्हें सुनकर बिल्कुल मजा नहीं आएगा. सिंगर अरमान मलिक और सुनिधि चौहान ने काम अच्छा किया है, लेकिन इस फिल्म के गानों में वो बात नहीं है. इसका हिंदी साउंडट्रैक काफी निराशाजनक है. हकूना मटाटा के अलावा आपको अन्य गानों के लिरिक्स याद तक नहीं रहते.
कुल मिलाकर ये एक बढ़िया फिल्म है. शाहरुख खान और आर्यन खान की आवाज में इस फिल्म को देखकर आपका दिल जरूर खुश हो जाएगा. बच्चों के एन्जॉय करने के लिए ये हमेशा से परफेक्ट फिल्म रही है. तो अगर इस वीकेंड आपका मन है तो द लायन किंग को एक चांस जरूर दें