Home Bhopal Special मर्यादा भूले सुरेंद्रनाथ धमकी दी सड़कों पर..

मर्यादा भूले सुरेंद्रनाथ धमकी दी सड़कों पर..

40
0
SHARE

नगर निगम द्वारा एमपी नगर में अतिक्रमण कर वर्षाें से जमीं गुमठियां हटाए जाने के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह (मम्मा) ने गुरुवार को शब्दों की मर्यादा तोड़ दी। उन्होंने गुमठियां हटाने और झुग्गीवासियों को मिल रहे भारी बिजली बिल को लेकर रोशनपुरा चौराहे पर प्रदर्शन किया। यहां से वे लोगों के हुजूम के साथ विधानसभा का घेराव करने निकले।

इसी दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अपशब्द कहते हुए प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली। गुमठी व्यवसायियों से नारे लगवाते हुए मम्मा बोले- हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो सड़कों पर खून बहेगा। फिर बोले- और यह खून कमलनाथ का होगा। बाद में दैनिक भास्कर से चर्चा में मम्मा ने स्वीकार किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री का खून बहाने की बात कही है। बोले- खून चूसने वाले मंत्रियों-अफसरों का खून सड़कों पर बहेगा।

हालांकि पुलिस ने पूर्व विधायक समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक की भाषा उचित नहीं है। उन्हें संयम बरतना चाहिए। उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार में विधायक रहते हुए सुरेंद्रनाथ सिंह नगर निगम के कर्मचारियों को थप्पड़ भी मार चुके हैं।

सुरेंद्रनाथ सिंह,पार्षद जगदीश यादव, दिनेश पांडे, गुड्डा शुक्ला, नरेश यादव, अशोक माली, ज्योति वर्मा, वंदना परिहार, बल्लू पाल, नीकेश श्रीवास्तव समेत अन्य को भी आरोपी बनाया है। करीब दो सप्ताह पहले भी उन्होंने निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था, जिस पर निगम प्रशासन ने केस दर्ज कराया था।

अब गरीब भूखे नहीं मरेगा, बल्कि मारकर मरेगा। कोई भी झुग्गीवासी 200 रुपए से ज्यादा बिजली का बिल नहीं भरेगा। यदि हमारे घर में लाइट नहीं होगी तो कमलनाथ के घर में भी लाइट नहीं रहेगी। हम सीएम हाउस और वल्लभ भवन के साथ मंत्रियों के बंगलों की बिजली काट देंगे। हम तो बेरोजगार हो गए हैं, हम रोजाना मंत्री और अफसरों का घर घेरेंगे। यदि पुलिस ने जेल भेजा तो वहां से आकर फिर घेराव करेंगे।

टीटीनगर पुलिस ने सुरेंद्रनाथ सिंह पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बोले अपशब्दों को लेकर नहीं, बल्कि प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने और कलेक्टर का आदेश नहीं मानने पर केस दर्ज किया है।आप गुमठी माफिया बनकर गुमठी संचालकों की तरफदारी क्यों कर रहे? केंद्र व प्रदेश सरकार का नियम है कि सर्वे करके व्यवस्थापन करें। इस नियम का पालन नहीं हुआ। गरीबों के लिए लड़ना माफियागीरी है तो मैं सबसे बड़ा माफिया। दूसरी समस्याओं के लिए क्यों नहीं आते? आज के हमारे आंदोलन में गरीबों के बिजली बिल का मुद्दा भी था। 1980 से मैं संघर्ष कर रहा हूं। जितनी बार जेल गया हूं, भोपाल का कोई नेता नहीं गया होगा।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here