उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार के मृतकों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रास्ते में रोक लिया गया. इसके विरोध में प्रियंका गांधी मिर्जापुर में ही धरने पर बैठ गई हैं. धरने पर बैठने के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे सोनभद्र जाना है. जहां ये ले जाएंगे, वहां जाऊंगी. प्रियंका गांधी के साथ उनके समर्थक भी सड़क पर बैठे थे. उनके समर्थकों ने यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बता दें. बुधवार को सोनभद्र जिले में भूमि विवाद को लेकर हुई हिंसा में 10 लोगों की हत्या हो गई थी, जबकि 24 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो में प्रियंका गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘हां, हम अभी भी नहीं झुकेंगे. हम शांति के साथ पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे. मुझे नहीं पता कि ये लोग कहां ले जा रहे हैं. हम लोग कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं.’पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड के मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. इस मामले में 61 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 50 अज्ञात हैं. एक स्थानीय व्यक्ति लल्लु सिंह की याचिका पर गांव के मुखिया यज्ञदूत व उसके भाई और अन्य पर भी एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है
इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक शुरू होने से पहले सपा के विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया. लाल टोपी पहने सपा सदस्यों ने भाजपा को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर घेरा. उन्होंने कहा कि सोनभद्र की हत्याएं और संभल में पुलिसकर्मियों पर हमला भाजपा सरकार के भारी भरकम वायदों की पोल खोलने के लिए काफी है. सपा सदस्यों ने नारेबाजी भी की. उधर, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरूवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई. आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं. टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी. बयान में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच कराई जाए.आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो. दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें.