मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार को लोकसभा में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया. साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा में भोपाल जेल का मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा कि वहां इलाज के लिए डॉक्टर नहीं आते. कैदी महिलाओं के साथ रहने वाले बच्चों का भी खयाल नहीं रखा जाता. साध्वी ने कहा कि जबकि उन बच्चों का तो कोई अपराध भी नहीं होता. ठाकुर ने कहा कि महिलाओं के लिए जेल में नर्स तक की तैनाती नहीं है, जो प्राथमिक चिकित्सा तक मुहैया कराकर अस्पताल भेज सके.
साध्वी ने बच्चों को दिए जाने वाले आहार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जेल में पोषक आहार तक नहीं मिल पाता. प्रोटीन और विटामिन जैसे आवश्यक तत्व नहीं मिल पाते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में किसी को भी जेल भेज रही है और जेल जाते ही पहले कैदी की पिटाई की जाती है. भोपाल की सांसद ने इसे कानूनन अवैध बताया.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि जेल में लगभग 3000 पुरुष और 150 महिला कैदी हैं. जेल में उनके 25 बच्चे भी रहते हैं. लेकिन बीमार होने की स्थिति में उनका इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है. गौरतलब है कि जेल में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए जेल प्रशासन ने गत वर्ष कैदियों को ही पैरामेडिकल कोर्स कराने की घोषणा की थी. जेल प्रशासन ने 42 कैदियों को पैरामेडिकल कोर्स कराया था.