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हिमाचल वन विभाग के प्रमुख की गाड़ी अटैच करने के आदेश..

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प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर वन विभाग के मुखिया प्रधान मुख्य अरण्यपाल की सरकारी गाड़ी अटैच करने के आदेश दिए हैं। ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य डीके शर्मा ने प्रार्थी रूप सिंह की अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद पीसीसीएफ  की सरकारी गाड़ी के कुर्की वारंट जारी करने के आदेश दिए।

प्रार्थी रूप सिंह का आरोप है कि वन विभाग ट्रिब्यूनल के 20 नवंबर 2015 के आदेशों की अनुपालना नहीं कर रहा है जिसके तहत ट्रिब्यूनल ने प्रार्थी को 10 वर्ष की दिहाड़ीदार सेवा के तुरंत बाद वर्क चार्ज स्टेटस देने के साथ-साथ इससे जुड़े सभी सेवा लाभ देने के आदेश दिए थे। प्रार्थी का आरोप है कि वन विभाग 7 अगस्त 2018 को हिमाचल हाईकोर्ट और 2 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट से हारने के बाद भी ट्रिब्यूनल के आदेशों की जानबूझ कर अनुपालना नहीं कर रहा।

मामले के अनुसार प्रार्थी को 1991 में शिमला जिले के चौपाल वन मंडल में बतौर दिहाड़ीदार बेलदार रखा गया था। वर्ष 1991 में 240 दिन काम करने के बाद उसे विभाग ने 1992 में काम से निकाल दिया। हालांकि प्रार्थी को ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार फिर से नौकरी पर रख लिया गया। वर्ष 1997 में उसे विभाग ने फिर से नौकरी से निकाल दिया।

मामला लेबर कोर्ट पहुंचा और लेबर कोर्ट ने 2 जनवरी 2013 को पारित आदेशों में प्रार्थी की 1997 में की गई बर्खास्तगी को गैरकानूनी ठहराया और वन विभाग को आदेश दिए कि प्रार्थी को 1997 से प्रार्थी की रिटायरमेंट तक कि उम्र यानी 60 वर्ष की आयु तक बैक वेज प्रदान करे। लेबर कोर्ट के फैसले के समय प्रार्थी की उम्र 65 वर्ष हो चुकी थी।

ऐसे में उसे दोबारा नौकरी में रखने के आदेश नहीं दिए जा सके। लेबर कोर्ट ने प्रार्थी को अपनी नियमितीकरण संबंधी मुद्दा सक्षम न्यायालय के समक्ष उठाने की छूट भी दी। प्रार्थी ने अपने नियमितीकरण का मामला ट्रिब्यूनल के समक्ष उठाया जिसे स्वीकारते हुए ट्रिब्यूनल ने 20 नवंबर 2015 को पारित आदेशों के तहत प्रार्थी को 10 वर्ष के दिहाड़ीदार कार्य के पश्चात वर्क चार्ज स्टेटस देकर सभी उत्पन्न सेवा लाभ देने के आदेश दिए।

वन विभाग ने ट्रिब्यूनल के आदेशों को रिट याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी जिसे हाईकोर्ट ने 7 अगस्त 2018 के फैसले के तहत खारिज कर दिया और ट्रिब्यूनल के आदेशों को बरकरार रखा। इसके बाद प्रार्थी ने ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना करने के लिए अनुपालना याचिका दायर की। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अनुपालना न होने पर पीसीसीएफ की सरकारी गाड़ी कुर्क करने के वारंट जारी करने के आदेश देते हुए मामले पर सुनवाई 30 अगस्त को निर्धारित की है।

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