सिंथेटिक दूध बनाने वाली फैक्ट्रियों पर एसटीएफ की मुरैना में हुई कार्रवाई में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दावा है कि रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए भोपाल में मावे की सप्लाई बढ़ गई है, इसलिए यह सिंथेटिक मावा बनाकर तैयार रखा हुआ था। इसके अलावा इंदौर समेत पूरे मालवा में इसका बड़ा कारोबार है। टीम ने यहां से भारी मात्रा में कास्टिक सोडा, शैंपू, रिफाइंड ऑयल, सोडियम थायो सल्फेट और माल्टोस डेक्सिटन पाउडर भी जब्त किया है। गैस्ट्रो एंट्रोलॉजिस्ट डॉ. सीसी चौबल का कहना है कि इन केमिकल्स में कास्टिक सोडा का इस्तेमाल बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। कम मात्रा में इस केमिकल का लगातार इस्तेमाल पेट में केमिकल बर्न कर सकता है, यानी पेट का अंदरूनी हिस्सा बुरी तरह झुलस जाना। इससे अल्सर जैसी गंभीर बीमारियां भी संभव हैं।
इस केमिकल का इस्तेमाल टॉयलेट क्लीनर में किया जाता है। उनका कहना है कि एसटीएफ को ये भी जांच करवानी चाहिए कि इन केमिकल्स का इस्तेमाल सिंथेटिक दूध में किस मात्रा में किया जाता है। माल्टोस डेक्सिटन पाउडर का उपयोग दूध में मीठापन लाने के लिए किया जाता होगा, जबकि रिफाइंड ऑयल दूध को ऑयली दिखाने के लिए मिलाया जाता होगा। शैंपू का इस्तेमाल दूध में झाग नजर आने के लिए किया जाता होगा, क्योंकि दूध का झाग देखकर ही लोग उसके ताजापन का अंदाजा लगाते हैं।
सिंथेटिक दूध बनाने के उपयोग में आने वाली सामग्री सप्लाई करने वाली अग्रवाल लेबोरेट्री एवं सप्लाई सेंटर पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने यहां से सोयाबीन रिफाइंड ऑयल 500 टिन, 200 बोतल रेंजी शैंपू समेत अन्य हानिकारक केमिकल जब्त किए हैं। ऐसे ही नवीन सप्लायर सेंटर लहार जिला भिंड से 25 किलो की 91 माल्टोस डेक्सिटन पाउडर, रेंजी शैंपू की 100 बोतलें और एक हजार लीटर रिफाइंड ऑयल बरामद किया है।