जाम और हादसों से बचने के लिए हिमाचल के ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों की सड़कें चौड़ी होंगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज-2 के तहत प्रदेश सरकार ने 1250 किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा हैये सड़कें सिंगल लेन से ज्यादा चौड़ी इंटर मीडिएट होंगी। लोक निर्माण विभाग इनकी डीपीआर तैयार कर रहा है। डिवीजन स्तर पर इन सड़कों की मैपिंग करने को कहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ लोक निर्माण विभाग की बैठक में इस मामले में विस्तृत चर्चा हुई है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल लेन सड़कों का निर्माण होता है। इसमें मोड़ पर सात मीटर, जबकि शेष 5 मीटर सड़क चौड़ी होती है। इनकी टारिंग 3.75 मीटर तक की जाती है। डबल लेन में मोड़ पर 11 से 12, जबकि शेष 9 मीटर चौड़ी सड़क होती है। अब फेज-2 में आबादी वाले क्षेत्रों में 7 से 9 मीटर सड़क चौड़ी होगी, जबकि टारिंग 5 से 6 मीटर तक की जानी प्रस्तावित है।
राज्य की कुल 3226 पंचायतों में से 3131 को सड़क सुविधा से जोड़ दिया गया है। प्रदेश की 18,711 बस्तियों में से 13,782 बस्तियों तक सड़क पहुंच चुकी है। 4929 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जाना है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का सेकेंड फेज चल रहा है। इसमें 12 सौ किलोमीटर की सड़कों की डीपीआर तैयार की जा रही है। इन सड़कों को इंटर मीडिएट किया जाएगा। ये सड़कें सिंगल और डबल लेन के बीच की होंगी। सिर्फ भीड़भाड़ वाले इलाकों में ही सड़क को चौड़ा किया जाना है।