आप जल्द ही मोबाइल फोन के जरिये अब घर और दफ्तर में हो रही बिजली की खपत पर नजर रख सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार सभी पुराने बिजली मीटरों को बदल कर स्मार्ट बिजली मीटर लगाने जा रही है। पहले चरण में स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला को पायलट आधार पर चुना गया है। इन दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख स्मार्ट बिजली मीटर बदले जाएंगे। पूरे प्रदेश में साल 2021-22 तक करीब 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल एप्लीकेशन अपने फोन पर डाउनलोड करनी होगी। इस एप की मदद से बिजली खपत की पूरी निगरानी हो जाएगी। मोबाइल एप के जरिये उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेगा कि उसने अब तक कितनी बिजली की खपत की है। स्मार्ट मीटर से बिजली की रीडिंग लेने के लिए बोर्ड के कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की जरूरत भी नहीं होगी। बोर्ड कार्यालय से रिमोट मीटरिंग के माध्यम से बिजली की खपत का पता चल जाएगा। इस मीटर के माध्यम से ऑनलाइन ही रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी करने की सूरत में कंट्रोल रूम में अपने आप जानकारी पहुंच जाएगी। यह मीटर इंटरनेट के माध्यम से कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे।
बकाया भुगतान न करने पर उपभोक्ता के घर जाने के बजाय टेलीफोन की तरह कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट दिया जाएगा। इस स्मार्ट मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज हो सकेंगे। इसके अलावा बिल जमा करवाने का विकल्प भी उपभोक्ताओं में मिलेगा। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जेपी कालटा ने बताया है कि स्मार्ट मीटर को लगाने का काम जल्द शुरू होगा। सरकार के साथ इस प्रस्ताव को लेक चर्चा चल रही है।