जम्मू-कश्मीर पर मध्यस्थता करने की बात कहकरअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद की किरकीरी तो कराई साथ ही भारत में मोदी सरकार को भी जवाब देने के लिए मजबूर कर दिया. संसद में विपक्षी नेताओं की ओर से उठाए गए सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में सफाई देते हुए कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को सिरे से खारिज कर दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है और पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से ही किया जाएगा. कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर राज्यसभा में अपनी ओर से दिए गए एक बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘हम सदन को पूरी तरह आश्वस्त करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है’.
हालांकि ट्रंप के इस बयान को अमेरिकी सांसद ब्राड शेरमैन ने भी खारिज कर दिया. डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ब्रैड शेरमैन ने कहा, ‘सभी जानते हैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी बात कभी नहीं करेंगे. हर कोई जो दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में कुछ भी जानता है, वो ये जानता है कि कश्मीर मसले में भारत लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. सभी जानते हैं कि पीएम मोदी कभी ऐसी बात नहीं करेंगे. ट्रंप का बयान ग़ैर संजीदा और भ्रामक है और शर्मिंदा करने वाला भी. उन्होंने कहा, ‘मैंने भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रंप की इस ग़ैरसंजीदा और शर्मसार करने वाली ग़लती के लिए माफ़ी मांगी है.’
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्रंप के बयान पर कड़ी असहमति जताई है. उन्होंने कहा, ‘मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रम्प को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या रुख है. विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि भारत ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है.’