समरधा रेंज में एक नए बाघ ने दस्तक दी है। उसने प्रेमपुरा की अमोनी बीट में गाय का शिकार किया है। वन विभाग ने केरवा से रातापानी अभयारण्य के कॉरिडोर में घूम रहे बाघों के पगमार्क से इस बाघ के पगमार्क मिलाए तो वे उनसे मेल नहीं खाए। वन विभाग के अफसरों का अनुमान है कि यह बाघ रायसेन के जंगल से आया है। इसके आने से समरधा और वीरपुर रेंज के आसपास घूम रहे बाघों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। नए बाघ के मूवमेंट को देखते हुए सीसीएफ एसपी तिवारी ने भोपाल वन मंडल के अधिकारियों को क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों को सतर्क करने की सलाह दी।
अमूमन अभी तक समरधा रेंज में रातापानी अभयारण्य से ही बाघ आते रहे हैं। रेंजर एके झंवर ने बताया कि बाघ ने अमोनी गांव के राधेश्याम यादव की गाय का शिकार किया था। जब गाय जंगल से वापस नहीं लौटी तो ग्रामीण उसे ढूंढने पहुंचे। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वन अमले ने जांच की तो पता चला कि शिकार बाघ ने किया है।
भोपाल फाॅरेस्ट सर्किल के चीफ कंजरवेटर एसपी तिवारी ने बताया कि एक अन्य बाघ रातापानी सेंचुरी से निकलकर गढ़ी के जंगलों से होते हुए बेगमगंज के नजदीक पहुंच गया है। ऐसा 30 साल बाद हुआ है, क्योंकि घना जंगल होते हुए भी यहां बाघ नहीं था। इस पर वन कर्मचारी नजर रखे हुए हैं। बाघ की निगरानी ट्रेप कैमरे के माध्यम से की जा रही है।
भोपाल वन मंडल के डीएफओ एचएस मिश्रा ने बताया कि उन्हें सुबह सूचना मिली थी कि भदभदा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मगरमच्छ घुस गया है। तत्काल क्रेक टीम ने पहुंचकर सुबह 9.30 उसे रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे वन विहार पार्क में छोड़ दिया गया।
तेंदुआ दिखने की मिली सूचना…. भोपाल के नजदीक करबई गांव के पास स्थित पहाड़ी पर एक तेंदुआ दिखने की सूचना डीएफओ को मिली। ग्रामीण शाकिब ने बताया कि तेंदुआ लगातार एक सप्ताह से पहाड़ी पर बना हुआ है। उनका कहना है कि पहले गांव वालों की बातों पर विश्वास नहीं हुआ। जब उन्होंने खुद आंखों से देखा तो वन विभाग को सूचना दी।