एचडी कुमारस्वामी की सरकार भले ही गिर गई हो लेकिन उनका दावा है कि वह फिर भी बहुत खुश हैं. उनकी खुशी की वजह यह है कि उन्हें एक साल तक जनता की सेवा करने का अवसर मिला. एनडीटीवी से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं इस अवसर पर सबसे ज्यादा खुश हूं. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते 14 महीनों में मैंने राज्य की उन्नति के लिए काम किया. मैंने तमाम परेशानियों के बावजूद निष्ठा से काम किया और आज मैं ऑफिस को छोड़ते हुए भी सबसे ज्यादा खुश हूं.’ बता दें कि कर्नाटक में बीते कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई है.
एचडी कुमारस्वामी विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके थे. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट डाले गए थे. विश्वास मत में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी के विधायक विक्ट्री साइन दिखाते हुए नजर आए थे. विश्वास मत से पहले, कुमारस्वामी ने बार-बार कहा था कि अगर कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर गठबंधन के पास राज्य विधानसभा में अपनी पकड़ बनाने के लिए संख्या का अभाव है, तो वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहते हैं और अब, भाजपा के विजयी होने के बाद, उन्होंने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है कि गठबंधन, बागी विधायकों को वापस लाने की कोशिश कर रहा था.
उन्होंने कहा, ‘मैं अब उनमें दिलचस्पी नहीं ले रहा हूं. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का मामला हमारे नेताओं पर छोड़ दिया गया है. मेरी जिम्मेदारी अब मेरी पार्टी के प्रति है. अब मैं एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं, तो मैं इसे विकसित करने की दिशा में काम करूंगा.’ हालांकि इससे पहले कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा था, ‘जो लोग ऑपरेशन कमल(बागी विधायक) के लिए हमें छोड़ गए, उन्हें पार्टी में फिर से शामिल नहीं किया जाएगा.’ कुमारस्वामी ने भी यह साफ कर दिया था कि जिन लोगों ने धोखा दिया है उन्हें कभी माफ नहीं किया जाएगा.
वहीं बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने कहा था कि वह सीएम पद तभी स्वीकार करेंगे जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आशीर्वाद मिलेगा. बेंगलुरु में आरएसएस ऑफिस के बाहर येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं यहां संघ परिवार के सीनियर नेताओं का आशीर्वाद लेने आया हूं. मैं दिल्ली से आने वाले निर्देश का इंतजार कर रहा हूं. मैं किसी भी वक्त विधायक दल की बैठक बुला सकता हूं और (दावा पेश करने के लिए) राजभवन जा सकता हूं. मैं इसके लिए इंतजार कर रहा हूं.’