विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में जयराम सरकार को बड़ी जीत दिलाने वाला जिला कांगड़ा सियासी तौर पर कमजोर होने लगा है। नए प्रोजेक्ट लाना तो दूर कांगड़ा जिले के मंत्री और विधायक यहां के प्रोजेक्टों को ही संभाल नहीं पा रहे।अंतर्कलह के चलते मंत्रियों और विधायकों के कमजोर होने से कांग्रेस कार्यकाल में करीब दस साल पहले फतेहपुर में स्थापित आईपीएच के इंजीनियरिंग इन चीफ (ईएनसी) प्रोजेक्ट के दफ्तर को जयराम सरकार ने मंडी शिफ्ट कर दिया है।
इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। कांगड़ा के नेताओं को इसकी भनक तक नहीं लगी। कांगड़ा जिले के हजारों किसानों और बागवानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए फिन्ना सिंह, शाहनहर, सिद्धाथा और छौंछ खड्ड चार बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के लिए फतेहपुर में इंजीनियरिंग इन चीफ प्रोजेक्ट का दफ्तर बनाया था।
अब इन परियोजनाओं से संबंधित कार्यों को लेकर अफसरों और लोगों को मंडी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। फतेहपुर से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि सरकार कांगड़ा से दफ्तरों को शिफ्ट करने की गलत रिवायत शुरू कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने दफ्तर शिफ्ट होने पर अनभिज्ञता जताई। कहा कि कांगड़ा से दफ्तरों को शिफ्ट करने के कांग्रेस के आरोप निराधार हैं। वहीं प्रोजेक्ट के इंजीनियर इन चीफ राजेश बख्शी ने माना कि दफ्तर को मंडी शिफ्ट कर दिया है। मंडी में भवन बनते ही स्टाफ शिफ्ट हो जाएगा।