भारत के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी 15 दिनों तक जम्मू-कश्मीर में सैनिकों के साथ रहेंगे. वह 31 जुलाई से 15 अगस्त तक सैनिकों की गतिविधियों से जुड़े रहेंगे. इस दौरान वह 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) के साथ समय बिताएंगे.
यह यूनिट कश्मीर में तैनात है और विक्टर फोर्स का हिस्सा है. धोनी इस दौरान गश्त, गार्ड और पोस्ट ड्यूटी करेंगे. बता दें कि 38 वर्षीय धोनी ने बीसीसीआई को पहले ही बता दिया था कि वह दो महीने किसी भी तरह की क्रिकेट के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे.
धोनी ने कहा था वह सैनिकों के साथ समय बिताएंगे. धोनी वेस्टइंडीज दौरे के लिए भी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. पूर्व भारतीय कप्तान को 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक सौंपी गई थी. तब से केवल एक बार उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था.
आईपीएल में उनका लंबा सत्र रहा था और फिर चोट के बावजूद वह विश्व कप में खेले थे, इसलिए अब उन्हें यह महसूस हुआ है कि ब्रेक लेना उनके लिए महत्वपूर्ण है. जिसके बाद उन्होंने सैनिकों के साथ रहने का फैसला किया.
धोनी टैरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. धोनी के वेस्टइंडीज टूर से दूर रहने की खबर के साथ ही उनके संन्यास की खबरें भी जोर पकड़ने लगी थीं. हालांकि, कप्तान विराट कोहली ने यह स्पष्ट कर दिया था कि धोनी के भविष्य को लेकर टीम प्रबंधन को उनकी तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है.
करीबी सूत्र ने बताया, ‘जैसे धोनी भारतीय क्रिकेट के महानतम सेवकों में से एक हैं, वैसे ही सेना के लिए उनका प्यार भी जगजाहिर है. वह लंबे समय से अपनी रेजिमेंट के साथ समय बिताने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन क्रिकेट के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे.’
कश्मीर घाटी में उनकी यूनिट दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा में विक्टर फोर्स का हिस्सा है, जो पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है. धोनी 2015 में क्वालिफाइड पैराट्रूपर बने. उन्होंने आगरा स्थित ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग के रूप में आर्मी के विमान से पांच बार पैराशूट के साथ कूद लगाई थी.