माता-पिता के विवाद की वजह से दूध-खाने को तरस रही 9 माह की मासूम को जिला विधिक प्राधिकरण से न्याय मिल गया है। प्राधिकरण ने मामले की सुनवाई करते हुए पिता को हर महीने बच्ची के भरण पोषण के लिए दो हजार रुपए उसकी मां को देने होंगे। प्राधिकरण ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है।
ऐसा पहला मौका है, जब विधिक प्राधिकरण में 9 माह की बच्ची के आवेदन पर सुनवाई की। आवेदन बच्ची की मां ने दिया था। हालांकि फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के तलाक का मामला विचाराधीन है। कोर्ट ने बच्चे के भविष्य को लेकर अभी तक कोई व्यवस्था नहीं दी है लेकिन इससे बच्ची की परवरिश की उम्मीद बंध गई है।
जिला विधिक प्राधिकरण में बच्चे की ओर मां ने आवेदन दिया था कि उसके दूध का इंतजाम पति करें। बच्चा नौ माह की है। बच्ची के माता-पिता के बीच पिछले दो साल से झगड़ा चल रहा है। जिसकी वजह से उसकी परवरिश ठीक से नहीं हो पा रही थी। मामले में मां ने पिता से बच्चे के खर्चे के लिए रुपए की मांग की थी। पिता ने बच्चे का खर्च उठाने से मना कर दिया था।वहीं फैमिली कोर्ट में चल रहे मामले में बच्ची के भरण-पाेषण के लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई थी, जिसकी वजह से बच्ची की मां आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बच्ची अपनी मां के साथ नानी के घर में रही है। मामले में सुनवाई करते हुए प्राधिकरण के सचिव आशुतोष मिश्रा ने बच्ची के पिता को बच्ची की बेहतर परवरिश करने के हर माह की 25 तारीख को उसके अकाउंट में 2 हजार रुपए देने के आदेश दिए