मध्य प्रदेश में लगातार मिल रहे सिंथेटिक दूध, मावा और पनीर को लेकर सरकार अब और कड़ा रुख अपनाने जा रही है. लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने शुक्रवार को कहा है कि दूध और दूध से बने पदार्थों और खाने पीने की अन्य चीजों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जिला स्तर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर मिलावटखोरों के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की जाए जिससे लोग मिलावट करने से डरें. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को संरक्षण दिया जाएगा.
आपको बता दें कि इससे पहले भिंड मुरैना और ग्वालियर में सिंथेटिक मिल्क मावा और पनीर मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे व्यापारियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की बात कही थी. दरअसल रक्षाबंधन से हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी. त्योहारों का सिलसिला कई महीनों तक चलेगा. इस दौरान बड़े पैमाने पर दूध, खोआ, पनीर और घी की खपत होगी. इसी को ध्यान में रखते हुए मिलावटखोरों ने तैयारी कर रखी थी लेकिन एसटीएफ लगातार उनपर कार्रवाई कर रही है.
मध्य प्रदेश में बीते 10 दिनों में इतने बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध और उससे बने उत्पादों की बरामदगी हो चुकी है कि खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बारे में ट्वीट करके यह कहना पड़ा कि वह निजी तौर पर ऐसे मामलों पर नजर रख रहे हैं. बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि जल्द ही जबलपुर और ग्वालियर में फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी बनाई जाएगी जिससे सैम्पलों की जांच में लगने वाले वक्त में कमी आएगी.