केंद्र सरकार की ओर से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने की अधिसूचना जारी करने के साथ ही ट्रिब्यूनल को राज्य सरकार ने भंग कर दिया है, साथ ही सरकार ने ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार को ओएसडी नियुक्त कर दिया है। ओएसडी को ही कार्यालय का सारा कार्य हाईकोर्ट में शिफ्ट होने तक जिम्मेदारी दी गई है। ट्रिब्यूनल में बंद होने तक करीब बीस हजार केस लंबित थे। जिन्हें शिफ्ट करने की उच्च न्यायालय ने सरकार को पहले ही मंजूरी दे दी थी।
ऐसे में लोगों के लंबित केसों में देरी होने से होने वाली असुविधा से बचाने के लिए आर्डिनेंस लाया जा रहा है। आर्डिनेंस पास कर केसों को हाईकोर्ट में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद मानसून सत्र के दौरान आर्डिनेंस को बिल के रूप में पेश कर उसे पारित करा लिया जाएगा। अधिसूचना के साथ भले ही ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष और सदस्य की सेवाएं भी समाप्त हो गई हैं, लेकिन उनके कार्यकाल के खत्म होने तक उन्हें बेसिक वेतन मिलता रहेगा। अध्यक्ष का कार्यकाल 28 फरवरी 2020 तक है जबकि एकमात्र सदस्य का कार्यकाल 17 अगस्त 2020 को खत्म होगा।