Home Bhopal Special केरवा का जंगल और गुफाएं बाघों की ब्रीडिंग के लिए मुफीद..

केरवा का जंगल और गुफाएं बाघों की ब्रीडिंग के लिए मुफीद..

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रातापानी के जंगल अब बाघों के लिए सुरक्षित है। बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने को प्रस्ताव तैयार है। कोर एरिया के लिए तैयार नक्शे के मुताबिक इसका क्षेत्र 823 वर्ग किलो मीटर होगा। बफर एरिया का नक्शा बाद में तैयार किया जाएगा, इसमें भोपाल का केरवा का इलाका भी शामिल किया जा सकता है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से यहां बनी गुफाएं बाघिनों का ब्रीडिंग सेंटर है।

राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर के मुताबिक 2014 की गणना में सीहोर और भोपाल में कुल तीन बाघ थे, अब इनकी संख्या 18 हो गई है। वहीं रातापानी में 16 से बढ़कर 40 बाघ हो गए हैं। पीसीसीएफ एसपी तिवारी ने बताया कि रातापानी सेंचुरी के अंदर बसे 8 गांवों को विस्थापित करेंगे। शेष 24 गांव सेंचुरी की बाउंड्री पर हैं, उन पर बाद में विचार किया जाएगा। शिफ्टिंग की पूरी कार्ययोजना तैयार है।

पीसीसीएफ तिवारी ने बताया कि भोपाल केरवा की  पहाड़ियां बाघिनों के प्रजनन के लिए अनुकूल हैं। यहां पर शावकों को जन्म देने के लिए आती हैं। उन्होंने बताया कि बाघिनों की प्रजनन स्थली को सुरक्षित बनाने के लिए यहां पर प्लांटेशन किया गया। उन्हें भरपूर भोजन मिल सके इसके लिए शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिए ग्रासलैंड तैयार किए गए।

समरधा रेंज के भानपुर सब डिवीजन में 10 हेक्टेयर पर ग्रासलैंड तैयार किया गया है। कठोतिया, झिरी में भी ग्रासलैंड विकसित हो रहा है। ताकि शाकाहारी वन्यप्राणियों को भोजन के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके। यही नहीं बाघों सहित अन्य वन्यप्राणियों को भरपूर पानी मिले इसके लिए सॉसर बनाए गए हैं। रातापानी सेंचुरी से विस्थापित किए गांव वाले इलाके में 4 सौ हेक्टेयर में ग्रासलैंड तैयार किया जा रहा है।

रातापानी में बाघों के मूवमेंट के चलते दांत-खोह गांव को शिफ्ट कर दिया गया है। कैरी चौका और जैतपुर को विस्थापित किया जा रहा है। वन विभाग ने सेंचुरी के अंदर स्थित गांवों के निवासियों को शिफ्टिंग के लिए तीन विकल्प दिए हैं। ग्रामीणों के चुने गए विकल्प के अनुसार वन विभाग हर ग्रामीण को उसकी जमीन के बदले नकद राशि देगा। इसके लिए घर के हर सदस्य को एक यूनिट मान कर भुगतान किया जाएगा।

मिंटाे हाॅल में बाघ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में डीपीएस स्कूल के बच्चे टाइगर के गेटअप में पहुंचे। उन्हाेंने मुख्यमंत्री कमलनाथ काे सेव टाइगर की राखी बांधते हुए कहा सेव मी। बच्चों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ काे तब तक अपने बीच से जाने नहीं दिया जब तक उन्हाेंने टाइगर काे सेव करने का वचन नहीं दिया। बच्चों के उत्साह काे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा एेसे ही लाेगाें काे जागरूक करते रहाे अाैर अपने अासपास के लाेगाें काे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दाे।

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