अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता से कोई नतीजा नहीं निकल सका. कुछ पक्षों ने मध्यस्थता पर सहमति नहीं जताई है. 6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. पांच जजों के संविधान पीठ का यह फैसला है. सूत्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभिन्न समूहों के साथ परामर्श करने और विवाद के समाधान पर चर्चा के लिए नियुक्त तीन-सदस्यीय पैनल ने सर्वसम्मति पर पहुंचने के लिए अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ पक्षों में मध्यस्थता के लिए सहमत नहीं बन सकी.
मालूम हो कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 18 जुलाई को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति को कहा था कि मध्यस्थता कार्यवाही के परिणामों के बारे में 31 जुलाई या एक अगस्त तक अदालत को सूचित करें ताकि वह मामले में आगे बढ़ सके.
उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई को मध्यस्थता प्रक्रिया पर रिपोर्ट मांगा था और कहा कि अगर अदालत मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना सुनवाई हो सकती है. इसने न्यायमूर्ति कलीफुल्ला से मध्यस्थता प्रक्रिया के बारे में 18 जुलाई तक अवगत कराने और इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में बताने के लिए कहा था.