केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के 28 हजार जवानों की तैनाती की खबर का खंडन किया है. इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी थी कि घाटी में सुरक्षाबलों की 280 कंपनियां यानि 28 हजार जवानों की तैनाती हो रही है. यही नहीं पीटीआई ने ये भी दावा किया था कि शैक्षिक संस्थानों में तय वक्त से पहले ही गर्मी की छुट्टियों का एलान कर दिया गया है. गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘’केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की जा सकती.’’ मंत्रालय ने आगे कहा है, ‘’जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर होगी.’’
खबर यह भी है कि पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. पीटीआई ने भी अपनी खबर में कहा था कि घाटी में हर अहम जगह पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती हो रही है. लेकिन अब गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय घाटी में जरूरत के हिसाब से जवानों की तैनाती करेगा. बता दें कि पिछले दिनों राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती का आदेश जारी किया था. इन केंद्रीय बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस के बाद सरकार जम्मू कश्मीर पर बड़े फैसले ले सकती है. इन फैसलों में विधानसभा चुनाव और ब्लॉक चुनाव भी शामिल है. लेकिन बड़ी खबर ये है कि सुप्रीम कोर्ट में 35A की सुनवाई के मद्देनजर भी सुरक्षा बल भेजे जाएंगे. इसके अलावा घाटी में कानून व्यवस्था और आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन में सीआरपीएफ को भी शामिल किया जाएगा. सीआरपीएफ को घाटी में महत्वपूर्ण संस्थानो की सुरक्षा से हटाया जाएगा. इन संस्थानो की सुरक्षा बीएसएफ और दूसरे सुरक्षा बल करेंगे. इसके तहत धीरे धीरे सुरक्षाबल राज्य में बढ़ाए जाएंगे.गौरतलब है कि सेना प्रमुख बिपिन रावत भी कल से कश्मीर के दो दिन के दौरे पर हैं. वह वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं