जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और घूमने गए पर्यटकों को सरकार ने आदेश जारी कर जल्द से जल्द लौटने को कहा है. इस आदेश के बाद अमरनाथ यात्रियों का यात्रा के बीच से ही लौटना शुरू हो गया है. यात्रियों के लौटने से अमरनाथ बेस कैंप खाली हो गया है. बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के लौटने से श्रीनगर एयरपोर्ट पर भी लोग फंसे हुए हैं. जानकारी हो कि घाटी से लोगों को लौटने का आदेश सरकार ने खुफिया सूचना के बाद जारी की है जिसमें कहा गया है कि कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका है.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सरकार को आतंकी हमले की खुफिया जानकारी लगातार मिल रही थी. इसी के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यात्रियों को वापस लौटने का आदेश जारी किया है. इससे पहले अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त होनी थी. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात में कहा था कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रा पर तीर्थयात्री आ रहे हैं. लेकिन इसी बीच सरकार के इस आदेश ने तीर्थयात्रियों को कश्मीर से लौटने पर मजबूर किया है.
आपके अपने चैनल एबीपी न्यूज ने तीन दिन पहले ही खबर दिखाई थी कि अमरनाथ यात्रा पर हमले के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों ने जैश और लश्कर इन दो आतंकी संगठनों को निर्देश दिए हैं. हमारी खबर पर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी ने मुहल लगाई है. वहीं, सुरक्षाबलों को हाल ही में घाटी में अमरनाथ यात्रा के रुट पर स्नाइपर राइफल मिली है. ये एक एम-24 स्नाइपर राइफल है जो कि एक टेलीस्कोप के साथ बरामद की गई है.
जम्मू कश्मीर में जारी घटनाक्रम पर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. इस मसले पर प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने बयान दिया है. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार देश के एक मात्र मुस्लिम बहुल राज्य के लोगों का दिल जीतने में नाकामयाब रही है. उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि वह राज्य के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ न करें. इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे.
इसी बीच शुक्रवार की रात प्रदेश के बड़े नेताओं में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. राज्यपाल ने नेताओं के साथ बैठक में कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम को अन्य मसलों से जोड़ने से प्रदेश में भय व्याप्त हुआ है. उन्होंने नेताओं से कहा कि अफवाह पर ध्यान न दें.