Home Uncategorized सावन का सोमवार और नाग पंचमी का दुर्लभ संयोग..

सावन का सोमवार और नाग पंचमी का दुर्लभ संयोग..

39
0
SHARE

आज देशभर में सावन का तीसरा सोमवार मनाया जा रहा है. हिंदू पंचाग के अनुसार आज नाग पंचमी का पर्व भी है. नाग पंचमी का त्यौहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान बताया जाता है.

सोमवार के साथ नागपंचमी पड़ने से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. ज्योतिषियों की मानें तो ये दुर्लभ संयोग करीब 125 साल बाद बन रहा है. आइए जानते हैं आज भगवान शिव और नाग देवता की कृपा पाने के लिए किस शुभ मुहूर्त में नाग देवता की पूजा करनी चाहिए.

नाग पंचमी मुहूर्त-

हिंदू पंचाग के अनुसार पंचमी तिथि रविवार 4 अगस्त शाम 6 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर सोमवार 3 बजकर 55 मिनट तक रहने वाली है. सोमवार के उदय तिथि में पंचमी होने से पूरे दिन पंचमी तिथि बनी रहेगी. बात अगर नाग पंचमी के पूजन के लिेए उत्तम समय की करें तो यह 7 बजकर 30 मिनट से दिन के 3 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.

नाग पंचमी व्रत व पूजन विधि-

1 इस व्रत के देव आठ नाग माने गए हैं। इस दिन में अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है.

2 सुबह घर की सफाई करने के बाद नहाकर साफ कपड़े पहनें.

3 इसके बाद नाग देव के चित्र, प्रतिमा या आकृति की स्थापना करें.

4 फिर दही, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चे दूध, रोली और चावल से नाग देव का पूजन करें.

5 उन्हें मीठे का भोग लगाएं औऱ उनके रहने के स्थान पर कटोरी में दूध और लाई रखें.

6 इसके बाद आरती करके नागपंचमी की कथा सुनें.

7 नागपंचमी के पर्व के दिन नागों के साथ कैलाशनाथ शिव की विशेष कृपा बरसती है लेकिन इस दिन उनकी पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है अन्यथा नागदेव रुष्ट भी हो सकते हैं.

नागपंचमी पर पूजन के दौरान बरतें ये सावधानियां-

1 अगर आप नाग पंचमी पर नाग देवता की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको ये सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए.

2 बिना शिव जी की पूजा किए कभी भी नागों की पूजा न करें.

3 नागों की स्वतंत्र पूजा न करें, उनकी पूजा शिव जी के आभूषण के रूप में ही करें.

4 नागपंचमी के दिन न तो भूमि खोदें और न ही साग काटें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here