मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश सचिवालय में गैर हिमाचलियों को नौकरी के मामले में पूर्व कांग्रेस सरकार को कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन किया था, जिस वजह से यह दिक्क्त सामने आई है। सीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में पुन: संशोधन करेगी ताकि हिमाचली युवाओं से अन्याय न हो सके।
यह बात सीएम ने उनसे मिलने आए हिमाचल प्रदेश सचिवालय के राजपत्रित कर्मचारी संघ, निजी सचिव और सहायक संघ, चालक संघ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल से कही। सीएम ने कहा कि सरकार हिमाचल के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने के लिए गंभीर है।
कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अभिकरण को भंग करने के फैसले के लिए राज्य सरकार का आभार जताया। कहा कि इससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी, क्योंकि उच्च न्यायालय के माध्यम से उनसे जुड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित होगी। चारों संघों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से राज्य में होने वाली भर्तियों में प्रदेश के हितों की रक्षा करने की मांग भी उठाई।