जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के ऐलान के बाद मोदी सरकार प्रदेश में हर एक तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. प्रमुख अधिकारियों ने बताया कि घाटी में तीन महीने से ज्यादा का राशन का स्टॉक है. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई है, इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा छिन गया है. वहीं संसद से बिल पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे. यह ऐलान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में किया. पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है. केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी हैं. वहीं, प्रदेश में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद कर दी गई. कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई है. एक शीर्ष अधिकारी ने संकेत दिए है कि अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर टकराव की आशंकाओं के बीच घाटी में अगले कुछ दिनों तक ऐसी ही स्थिति बरकरार रह सकती है.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक जो लोग कश्मीर घाटी जाना चाहते हैं, वे लोग सुरक्षा बलों को हवाई जहाज की टिकट पास के तौर पर दिखा सकते हैं. प्लानिंग कमिशन के प्रिंसिपल सेक्रेट्री रोहित कांसल ने बताया कि कश्मीर घाटी के पास तीन महीने से ज्यादा का राशन है. कांसल ने बताया, ‘कश्मीर घाटी के पास तीन महीने से ज्यादा का चावल, गेहूं, मीट, अंडे और ईंधन है. प्रदेश में किसी भी तरह के खाने की कमी नहीं होगी. बुनियादी जरूरतों की चीजों को स्टोर किया गया है और घाटी में बांटी जा रही हैं.’
बता दें, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद देश में, खासतौर पर जम्मू कश्मीर में सभी सुरक्षा बल इकाइयां ‘हाई अलर्ट’ पर हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशेष परामर्श जारी कर सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक एहतियात बरतने तथा अपने परिसरों एवं गतिविधियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘देश भर में सभी सुरक्षा बलों को, खासतौर पर जम्मू कश्मीर स्थित उनकी इकाइयों को हाई अलर्ट पर बने रहने का एक परामर्श जारी किया गया है.’
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के सरकार के कदम और आगामी स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) समारोहों के मद्देनजर गृह मंत्रालय का यह ताजा निर्देश आया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने सोमवार को राज्य सभा में एक संकल्प पेश करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 अब लागू नहीं रहेगा. शाह ने जम्मू कश्मीर राज्य को दो हिस्सों (जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में) में बांटने का प्रस्ताव करने वाला एक विधेयक भी पेश किया.