अमित शाह ने मनीष तिवारी को टोकते हुए कहा- सरदार पटेल के योगदान को कैसे भुला सकते हैं, आज कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तो उसमें सरदार पटेल का योगदान है. कांग्रेस पार्टी की ओर से चर्चा की शुरुआत करने वालों ने यह तो साफ किया ही नहीं वो धारा 370 के पक्ष में हैं या खिलाफ में हैं. इस पर मनीष तिवारी ने कहा- हर चीज काली और सेफद नहीं होती, शायद गृहमंत्री कुछ और सोच रहे थे, उन्होंने मेरी बात को नहीं सुना. मैंने कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा की अनुमति के बिना आप धारा 370 को खारिज नहीं कर सकते अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो यह संवैधानिक त्रासदी है
मनीष तिवारी ने कहा- जम्मू कश्मीर का अलग संविधान है जो 26 जनवरी 1957 को लागू हुआ. आपने प्रदेश को दो हिस्सों में बांट दिया लेकिन उस संविधान का क्या हुआ ? क्या सरकार इसके लिे भी अलग से बिल लेकर आएगी, सरकार ने इस विधेयक को लाने से पहले कानूनी पहलुओं पर विचार ही नहीं किया. हमने कई बार देखा है कि केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य में बदला जाए लेकिन ये पहली बार है कि राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- संविधान में सिर्फ दारा 370 नहीं है, धारा 370 a से लेकर I तक है जो नगालैंड, असम, आंध्रा प्रदेश और सिक्किम को विशेष अधिकार देती है. जब आज आप धारा 370 खत्म कर रहे हैं तो आप उन प्रदेशों को क्या संदेश दे रहे हैं. आप धारा 370 इस तरह खत्म कर सकते हैं तो 371 भी खत्म कर सकते हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों को अलग अलग सरकारों ने उन्हें विशेष अधिकार दिए हैं.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बनने से पहले आंध्र प्रदेश की विधानसभा से चर्चा हुई थी. यूपीए की सरकार ने कोई संवैधानिक उल्लंघन नहीं किया था. 1952 से लेकर जब जब नए राज्य बनाए गए हैं या किसी राज्य की सीमा बदली गई है, वो विधानसभा की चर्चा के बिना नहीं हुआ है.कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- किसी भी राज्य की सीमा तय करने से पहले यह जरूरी है कि आप उस राज्य की विधानसभा से राय मशविरा करेंगे. और ये प्रवाधान संविधान में इसलिए किया गया क्योंकि उस प्रदेश के लोगों को अपनी राय रखने का मौका मिले. आज जम्मू कश्मीर में विधानसभा भंग है और संसद से कहा जा रहा है कि आप अपने आप से राय मशविरा करके जम्मू कश्मीर का भविष्य तय करें. जो सदन में आज हो रहा है वो स्पष्ट रूप से संवैधानिक त्रासदी है. यह संघीय ढांचे के ऊपर इससे बड़ा आघात नहीं हो सकता, साथ ही आज अगर जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है तो उसके पीछे पंडित नेहरू ही वजह थे.
अमित शाह ने लोकसभा में बिल और प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा- मैं यहां एक एक सदस्य की बात का जवाब देने के लिए तैयार हूं. मैं सबकी बात सुनूंगा और फिर जवाब दूंगा लेकिन इस पर चर्चा शांति से हो अमित शाह ने कहा- आज के प्रस्ताव और बिल भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे और यह महान सदन इस पर विचार करने जा रहा है. राष्ट्रपति ने कल एक संवैधानिक आदेश जारी किया है जिसके तहत भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू कश्मीर में लागू होंगे. साथ ही जम्मू कश्मीर को मिलने वाले विशेष अधिकार भी नहीं रहेंगे और पुनर्गठन का बिल भी लेकर आया हूं.लोकसभा में अमित शाह ने कहा- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, कश्मीर पर संसद ही सर्वोच्च है. कश्मीर को लेकर नियम कानून और संविधान में बदलाव से कोई नहीं रोक सकता. रही बात कश्मीर की तो जब मैं जम्मू कश्मीर कहता हूं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी शामिल है.भारत का हिस्सा है. कश्मीर के लिए हम जान दे देंगे क्या बात करते हैं आप. क्या कांग्रेस PoK को भारत का हिस्सा नहीं मानती है
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने रातों रात नियम तय किए, नियम तोड़े गए. इसके बाद अमित शाह ने कहा कि इस बात को सामान्य तौर आरोप ना लगाएं, वो बताएं कि किस नियम का उल्लंघन हुआ है. इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ये नहीं बता सके कि कौन सा नियम तोड़ा गया. इसके बाद धीर रंजन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के लोग 1948 से वहां पर मॉनीटरिंग करते हैं. इस पर अमित शाह ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि क्या ये कांग्रेस का स्टैंड है? क्या कांग्रेस मानती है कि संयुक्त राष्ट्र जम्मू कश्मीर की मॉनीटरिंग कर सकता है राज्यसभा से मंजूरी के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश अनुच्छेद 370 खत्म करने वाला संकल्प किया. लोकसभा में बहुमत के चलते प्रस्ताव पास होना तय है. इसके साथ ही अमित शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक भी पेश किया.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है, गृहमंत्री अमित शाह भी लोकसभा पहुंच गए हैं. थोड़ी देर में अमित शाह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश करेंगे. इसके साथ ही अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव भी लोकसभा में पेश किया जाएगा जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस ने आज शाम वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई है. अगर आज लोकसभा देर तक चली तो सीडब्ल्यूसी की बैठक कल के लिए टल भी सकती है. कांग्रेस पार्टी इसपर सहमति और असहमति को लेकर दो हिस्सों में बंटी हुई दिख रही है. पार्टी के कुछ नेता इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ नेताओं ने इसे लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया है. हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर सीनियर कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी तक कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है. वहीं पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने इसे लोकतंत्र की हत्या करारा दिया
राज्यसभा के बाद अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने वाला प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश हो सकता है. लोकसभा से पास होते ही कश्मीर भी भारत के दूसरे राज्यों की तरह बन जाएगा. नंबर के आधार पर लगता नहीं कि लोकसभा में सरकार को कोई परेशानी होने वाली है. एनडीए अपने दम पर बिल को आसानी से पास करा सकती है. लोकसभा से पारित होने के बाद औपचारिक तौर पर जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म हो जाएगी और जम्मू कश्मीर असल मायने में भारत का अभिन्न अंग बन जाएगा. लोकसभा से पारित होने के बाद औपचारिक तौर पर जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म हो जाएगी.
कुल मिलाकर लोकसभा में आज दो प्रस्ताव और दो बिलों पर चर्चा होगी, पहला बिल जम्मू कश्मीर में आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण जबकि दूसरा बिल जम्मू कश्मीर को दो भागों में बांटने वाला बिल है. इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठित करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई. उच्च सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 पर्सेंट आरक्षण वाला विधेयक भी पास हो गया है. सुबह 11 बजे ही लोकसभा में कश्मीर से जुड़े प्रस्तावों और बिलों पर चर्चा शुरू हो जाएगी