पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं रहीं. सुषमा स्वराज मध्य प्रदेश के विदिशा लोकसभा क्षेत्र से 2009 और 2014 में 2 बार सांसद भी रहीं. विदिशा में वह जनकल्याण के कामों में लगी रहती थीं.
सुषमा स्वराज बीजेपी में एक अति-व्यस्त सांसद थीं और विदेश मंत्री के रूप में उनका व्यस्त दौरा रहता था. ऐसे में उनके लोकसभा क्षेत्र विदिशा में उनकी लोकप्रियता को बरकरार रखने और जनकल्याण के कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिए सुषमा स्वराज ने कुछ भरोसे के लोगों को तैनात कर रखा था. इनमें से एक हैं रामकृष्ण चौहान जो पूर्व में विधायक रहे और वर्तमान में बीजेपी संगठन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं. aajtak.in ने उनसे बातचीत करते हुए जाना कि 650 किमी दूर दिल्ली में रहते हुए सुषमा स्वराज विदिशा के जनकल्याण के कामों पर कैसे नजर रखती थीं.
रामकृष्ण चौहान ने बातचीत बताया कि सुषमा जी दो बार विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहीं और वह इस लोकसभा में उनके प्रभारी रहे. भोजपुर विधानसभा से पूर्व विधायक और 55 साल से इस क्षेत्र के बारे में गहन जानकारी के कारण वह सुषमा जी के हाथ-कान बने रहे. वह जब बंगले पर आती थीं तो कार्यकर्ताओं के साथ घुल-मिलकर रहती थीं और अपने यहां भोजन कराती थीं. महीने में एक बार वह यहां आती थीं और दो-तीन दिन यहां रहती थीं.
चौहान ने आगे बताया कि बीजेपी सरकार में शक्तिशाली मंत्री होने का फायदा उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र को भी दिया. सुषमा ने कई सालों से अटके विदिशा और औबेदुल्लागंज के पुलों को पूरा करवाया क्योंकि रेलवे से परमीशन लेने में परेशानी आती थी. क्षेत्र में उद्योग लगें और नौजवानों को रोजगार मिले, इसके लिए प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क रायसेन के तामोट में बनवाया गया. सुषमा अपने लोकसभा क्षेत्र में अंतिम बार लोकसभा चुनावों से कुछ समय पहले ही फरवरी 2019 में आई थीं. उन्होंने विदिशा में 15 करोड़ रुपये की लागत से बने एक ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया था.
बता दें कि मंगलवार देर रात को हार्ट अटैक की वजह से सुषमा स्वराज का निधन हो गया. हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन वह बच नहीं पाईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत देश और दुनिया की कई बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.