हिमाचल पुलिस ने यूं तो 2019 की भर्ती में फर्जी परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्र तक न पहुंचने देने के लिए कई तरह के अनूठे प्रयास किए थे। लेकिन ग्राउंड टीम की नाकामी और गैरपेशेवर रवैये की वजह से टेक्नोलॉजी और इनपुट के बावजूद सारी तैयारियां धड़ाम हो गईं। हाल यह हुआ कि जिन फर्जी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र के गेट पर ही पकड़ लिया जाना चाहिए था उनमें से कई परीक्षा केंद्र के अंदर तो कुछ ने परीक्षा तक दे डाली। ग्राउंड टीम की इसी नाकामी के बाद अब कांगड़ा के परीक्षा केंद्र के एंट्री गेट पर खड़े पुलिसकर्मियों से लेकर जिले के पूरे भर्ती बोर्ड पर ही कार्रवाई का खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल, पुलिस मुख्यालय ने इस बार की पूरी परीक्षा को फूलप्रूफ करने के लिए कई कदम उठाए। परीक्षा केंद्र के अंदर पहुंचने से पहले हर परीक्षार्थी के फोटोयुक्त एडमिट कार्ड को बार कोड से स्कैन करने की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा जिला भर्ती बोर्ड को सभी परीक्षार्थियों की कलर फोटोयुक्त अटेंडेंस शीट दी गई, जिससे असली-नकली परीक्षार्थी की पहचान की जा सके।
चूंकि फर्जी परीक्षार्थियों के आने का पुख्ता इनपुट पहले से था, इसलिए सभी जिलों के एसपी, रेंजों के डीआईजी व आईजी को चेकिंग कराने के निर्देश दे दिए गए थे। लेकिन इस सारी कवायद के बावजूद कई फर्जी परीक्षार्थी नकल के लिए उपयोगी आधुनिक उपकरणों के साथ परीक्षा केंद्र के अंदर तक पहुंच गए। जाहिर है गेट पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने परीक्षार्थियों की तलाशी तो दूर, उनकी शक्ल को अपने पास मौजूद अटेंडेंस शीट की फोटो तक से नहीं मिलाया। इस वजह से अब मामले की जांच पूरी होने के बाद कई पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने पेपर लीक न होने के लिए बेहद सख्त रुख अख्तियार किया था। पेपर भले ही दो दिन पहले जिलों को मिल गए लेकिन पेपर लीक नहीं हो सका। इसी वजह से आरोपियों ने वीडियो और आडियो डिवाइस को ही पेपर लीक न होने का तोड़ बना डाला।
जानकारी के अनुसार एक युवक वीडियो डिवाइस के साथ केंद्र के अंदर पहुंच जाता और पेपर को वीडियो के जरिये बाहर बैठे सरगना तक पहुंचाता। इसके बाद सरगना अपनी एक अन्य टीम के साथ मिलकर प्रश्नों के उत्तर ढूंढकर तैयार करती और फिर आडियो डिवाइस लगाए अभ्यर्थियों को उनके उत्तर बताए जाते।