जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार हर दिन स्थिति की समीक्षा कर रही है. उन्हें कुछ दिन का मौका तो मिलना ही चाहिए. अगर कोर्ट आज दखल देगा तो इससे जटिलता बढ़ेगी. इस मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
सुनवाई के दौरान पूनावाला की वकील मेनका गुरुस्वामी ने दलील दी कि संचार ठप होने से कश्मीर के लोगों और वहां तैनात सैनिकों को भारी परेशानी हो रही है. इसपर जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा कि आप अब सैनिकों की क्यों बात कर रही हैं? ये तो आपकी याचिका नहीं है. सैनिकों का सहारा मत लीजिए.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील पर एटॉर्नी जनरल से जवाब मांगा. एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कानून-व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है. फिर भी लोगों को कम से कम असुविधा हो, इसकी कोशिश की जा रही है. एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कश्मीर में पहले इससे भी बुरे हालात रहे हैं. हम बेहतरी की तरफ बढ़ रहे हैं. तीन महीने में सबकुछ सामान्य हो जाने की उम्मीद है. हर दिन छूट बढ़ाई जा रही है. हालात शांतिपूर्ण बनाए रखना ज़रूरी है. अगर कोई घटना हो गई तो कौन ज़िम्मेदारी लेगा.
इसपर कोर्ट ने कहा कि सरकार हर दिन स्थिति की समीक्षा कर रही है. उन्हें कुछ दिन का मौका तो मिलना ही चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हालात रातों रात सामान्य नहीं हो सकते. अगर कोर्ट आज दखल देगा तो इससे जटिलता बढ़ेगी. इस दौरान कोर्ट ने ये भी पूछा कि ये याचिकाकर्ता कौन हैं? हर मसले पर याचिका दाखिल कर देते हैं? हम इरादे पर शक नहीं कर रहे, लेकिन अभी दखल उचित नहीं होगा.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपने बगैर तैयारी के जल्दबाजी में याचिका दाखिल कर दी. इसपर याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि हम संशोधन कर याचिका दाखिल करेंगे. इसपर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप इंतज़ार कीजिए और हालात सामान्य होने का मौका दीजिए. अगर यही स्थिति बरकरार रही तो आप बाद में कोर्ट आ सकते हैं.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. तहसीन ने कश्मीर से धारा 144 हटाने और मोबाइल, इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है. उन्होंने हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई की भी मांग की है.