ऊना। जिले की बीस प्राथमिक पाठशालाएं मात्र एक-एक शिक्षक के सहारे चलाई जा रही हैं। इनमें कई पाठशालाएं ऐसी हैं जिनमें बच्चों की संख्या 50 से अधिक है। नियम है कि प्रत्येक पाठशाला में दो शिक्षक होना अनिवार्य है।
पाठशाला में अकेले शिक्षक को पढ़ाने के साथ-साथ मिड-डे-मील, डाक, विभाग की ओर से होने वाली बैठकों में भी भाग लेना होता है। प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधार नहीं पा रही है। इससे लोगों में सरकार प्रति रोष है। उनका कहना है कि अगर शिक्षकों की नियुक्तियां ही नहीं करनी है तो पाठशालाओं को क्यों चलाया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धन परिवारों की संख्या बहुत अधिक है। यह परिवार निजी स्कूलों में बच्चों दाखिल करा पाने में असमर्थ हैं। वे सरकार से प्राथमिक पाठशालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति की आस लगाए रहते हैं। लेकिन कई सालों से दर्जनों प्राथमिक पाठशालाएं एक शिक्षक के सहारे हैं।
लोगों का आरोप है कि वोट बैंक की खातिर सरकारें स्कूल तो खोल देती है लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था कर पाने में नाकाम रहती है। लोगों का कहना है कि ऐसे स्कूलों को जहां शिक्षकों और बच्चों की कमी है उन्हें बंद कर देना चाहिए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो पाए। सरकारी स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ न हो पाने से छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय गया है। इन स्कूलों में अगर विभाग शिक्षकों की नियुक्ति करता है तो ट्रांसफर हुए शिक्षक कोर्ट से स्टे लेकर आते हैं। वे नेताओं की मिलीभगत से दूसरे स्कूल में नियुक्त हो जाते हैं। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप कुमार का कहना है कि विभाग नई नियुक्तियां होते ही शिक्षकों के रिक्त पदों को भरेगा।
वल्ह में 60 बच्चों को पढ़ा रहा एक शिक्षक
बंगाणा (ऊना)। उपमंडल बंगाणा के प्राथमिक स्कूल वल्ह में छह कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक ही है। इस पाठशाला में नर्सरी से पांचवीं तक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि छह कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के अलावा अकेले शिक्षक को मिड-डे-मील और स्कूल की डाक भी निपटानी होती है। ऐसे में एक शिक्षक का बच्चों को पढ़ाना प्रत्येक अभिभावक की समझ से परे है। इस पाठशाला से कई लोगों ने अपने बच्चों को निकालने का मन बना लिया है। पंचायत प्रधान राजेश कुमार, विपिन कुमार, रामासरा शर्मा, अजय कुमार, विजय कुमार, रौनकी राम, विजय कुमार, प्रवीण कुमार, वीना देवी ने विभाग और सरकार से मांग की कि पाठशाला में और शिक्षकों की नियुक्तियां की जाए