लगातार हो रही बारिश के बाद भी हलाली को अब भी 8 फीट पानी की जरूरत है। अब तक लेवल 1500 फीट तक के स्तर पर पहुंच गया है जबकि अधिकतम क्षमता 1508 फीट है। ये लेवल भी पिछले 15 दिनों में बढ़ा है। इन 15 दिनों में भोपाल और रायसेन क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश की वजह से डैम लगातार भर रहा है। साल 2016 में डैम का लेवल अधिकतम स्तर पर पहुंचा गया था लेकिन 2017 और 2018 में कम बारिश की वजह से हलाली पूरा नहीं भरा था। हलाली से विदिशा जिले के हजारों किसानों को सिंचाई और शहरवासियों को पेयजल की व्यवस्था होती है।
विदिशा और भोपाल के पर्यटकों को डैम के वेस्ट वियर(छरछरा) चालू होने का बेसब्री से इंतजार है। डेम की अधिकतम भराव क्षमता 1508 फीट है। इतना पानी भरने के बाद ही वेस्ट वियर शुरू हो सकेगा और पर्यटक लुत्फ उठा सकेंगे। हालांकि पर्यटकों की आवाजाही अभी भी अच्छी खासी है। रोजाना यहां पर विदिशा सहित भोपाल और आसपास क्षेत्रों के लोग घूमने फिरने के लिए पहुंच रहे हैं।
हलाली डैम 1978 से भरना शुरू हुआ था। साल 1986 में डैम का लेवल 1516.80 फीट तक पहुंच गया था। ऐसा ही साल 2006 में हुआ जब डैम 1516 फीट भरा। साल 1996 में 1513.50 फीट, साल 2013 में लेवल 1512 फीट तक पहुंच गया था। इसके अलावा 1985 में 1512.53, 1983 में 1511.15 और साल 1999 में 1511.40 तक डैम भरा था।
1973 में हुआ था हलाली डैम का निर्माण 1975 में पहली बार सिंचाई के लिए इस डैम से दिया गया था पानी 2012 में हलाली डैम की भराव क्षमता 1504 फीट से बढ़ाकर 1508 फीट की गई थी बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से हुआ था हलाली का निर्माण विदिशा शहर की पेयजल आपूर्ति भी हलाली बांध पर ही निर्भर है।