कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भोपाल और इंदौर में एक बार फिर पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने की कवायद हुई है। खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ गुरुवार काे स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान इसकी घोषणा कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले ही आईएएस अधिकारियों ने इसे रोकने के लिए बुधवार दिनभर लॉबिंग की। कुछ आईपीएस अधिकारियाें ने इस सिस्टम की उपयोगिता की वकालत कर अपना पक्ष रखा।
दोनों पक्षों के तर्क सामने आने के बाद बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने भाषण से ठीक पहले ही यह फैसला लेंगे कि भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम की घोषणा की जाए या नहीं। यदि घाेषणा हुई ताे मुख्यमंत्री इसे जल्द से जल्द लागू कर सकते हैं। इसके लिए नोटिफिकेशन के लिए जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को भोपाल में झंडावंदन करेंगे। इस सिस्टम की घाेषणा के बारे में पता लगते ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्हाेंने इसके नकारात्मक पक्ष बताते हुए मप्र में हुई कुछ एेसी घटनाओं की जानकारी दी, जिसमें पुलिस का पक्ष सवालों में घिरा पाया गया। शेष | पेज 10 पर
प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड समेत कुछ राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि इन राज्यों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम नहीं है। हालांकि सीएम ने कहा- भोपाल-इंदौर में लाॅ एंड ऑर्डर के लिए यह जरूरी हो गया है। महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कई बड़े शहरों व राज्यों में यह सिस्टम लागू है। बताया जा रहा है कि आईएएस अफसरों के प्रतिनिधिमंडल के लौटने के बाद कुछ दूसरे आईएएस अधिकारी फिर मुख्यमंत्री के पास गए और कुछ अन्य बातें रखीं। ये अधिकारी मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। अब गुरुवार की सुबह कुछ रिटायर हो चुके सीनियर आईएएस अधिकारी भी मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच आईपीएस अधिकारियों की ओर से भी मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखा गया है। एेसी स्थिति में सूत्र कह रहे हैं कि जिस तरह से आईएएस व आईपीएस अधिकारी आमने-सामने आए हैं, इससे साफ है कि कमलनाथ गुरुवार को ही इस बारे में निर्णय लेंगे। कमलनाथ के बारे में उनके करीबी बताते हैं कि एक बार वे कुछ करने का निर्णय कर लें तो फिर पीछे नहीं हटते।
पुलिस कमिश्नर सिस्टम की एक बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तीन बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा कर चुके हैं। हर बार आईएएस अधिकारी इन नेताओं को कन्वेंस करने में सफल हो गए और पुलिस कमिश्नर सिस्टम रुक गया।मुख्यमंत्री गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी की घोषणा करेंगे। इसके बाद यही अथॉरिटी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर तीन बड़े आवासीय शहर बसाने के साथ एक इंडस्ट्रियल क्लस्टर का निर्माण करेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री मुलताई, नागदा और मैहर को नया जिला घोषित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अपने भाषण में आदिवासियों को साहूकारी के कर्ज से मुक्ति के लिए अध्यादेश लाने, किसानों की कर्जमाफी के पहले और दूसरे चरण का ब्योरा आदि जनता के सामने रखेंगे।